-
चेहरे पर रुस्वाईयां लेकर कैसे मुस्करा देते हो तुम ?
सोचता हूं इतने ज़ख्मों-दर्दों को कैसे छुपा लेते हो तुम ?-
Main tujhse pyaar karta raha ,
Main rukk kar bas tera intezar karta raha ,
Tujhe har dafa yaado mein paya hai maine ,
lekin har baar hakikat me khone se darta raha ,
Yuhi ye silsila chalta rha ,
Tum aaogi zarroor ye wada har roj khud se karta raha ,
Tere n hone ke bawjood bhi main bus tujhi se pyaar karta raha !❤️-
Ek ladka Sirf
Apni Pasand ki ladki ka Hi,
Gussa Seh Sakta Hai....😂😁-
लड़का है..👬
कहीं भी मुंह मार लेगा जाकर
क्या इससे हम लड़के के चरित्र का अपमान नहीं करते?
कुछ मर्दों की वजह से
क्या हम सभी मर्दों को बदनाम नहीं करते?
लड़की की तरह रोता है।
क्या अब लड़के रोने का भी अधिकार नहीं रखते?
लड़के, लड़के होते हैं
क्यों? क्या लड़कों के जज्बात नहीं होते ?
All men are dogs..
क्यों?क्या तुम बाप और भाई नहीं रखते?-
लड़का होना भी इतना आसान नहीं होता
खुद के सपने को भूलकर परिवार की जिम्मेदारी लेनी पड़ती है। खुद को भूखा रखकर अपने परिवार का पेट भरना पड़ता है। हम लड़के है तो क्या हमें रोना नहीं आता क्या हमें भी रोना आता है हमारे पास भी दिल है हमारे अंदर भी feelings होती है पर हम लड़को को चुप करा दिया जाता है कि लड़के रोते नही है। जो लड़का पहले अपने हाथ से पानी का गिलास नहीं भरता था आज उसे अपने परिवार से दूर होकर सुबह का खाना रात को खाना पड़ता है। रात भर उसे मेहनत करना पड़ता है ताकि उसके परिवार आराम से सो जाएं। अगर हमारी तबियत भी खराब होती है तो घर वालो को बताते नहीं है ये सोचकर कि वो चिंता करेंगे हमारी पर दर्द तो हमें भी होता है। हम लड़कों को भी समझो हम इतने भी बुरे नहीं है जितना बुरा हमारे बारे में सोच लिया है। हम तो किसी के सामने रो भी नहीं सकते क्योंकि हम तो लड़के है ना पर आंखो से आंसू हमारे भी आते है-
कौन कहैता है, लड़के रोया नही करते।
इश्क मे चोट लगने बाद भी
लड़के इश्क धोया नही करते।
कौन कहैता है, लड़के रोया नही करते।
-
"हम दूर चले गए तो बहुत पछताओगी,
सारी उमर क्या लड़कियों के साथ बिताओगी ?"-
टूटे खिलौने ... तो भी हम न रोये
पडी जबभी मार तो भी हम न रोये
गुम हो गई किताबें ...तो भी हम न रोये
छुटा दोस्तों का साथ तो भी हम न रोये
कभी कम मार्क्स आये तो भी हम न रोये
दूर हो गये कभी घर से तो भी हम न रोये
छुटा अपनो का साथ तो भी हम न रोये
टुटी कभी उम्मीदें .... तो भी हम न रोये
रह गयी कुछ ख्वाहिशें तो भी हम न रोये
हम रह गये अकेले भी... तो भी हम न रोये
क्योंकि हम तो लड़के है रोना तो हमें आता नहीं
हां कभी खुद को अकेले ही कोश लिया करते हैं
कभी खुद से ही लड जाया करते हैं
और कभी सिसक सिसक कर रह जाया करते हैं.-
!!जिंदगी लड़को की !!
अपनों की ख्वाइस पूरा करने को जीते हैं
अपना दर्द अपने तक ही रखते हैं
रोने का अधिकार भी इनसे छिन गया हैं
खुद की पहचान बनाने को अपनों से ही दूर जाते हैं
गलती किसी की भी हो
हम मर्द जात को ही कुसूरवार ठहराते हैं
अनुशीर्षक में पढ़ें👇👇👇👇-