Tushar Kant  
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Joined 23 September 2018


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Joined 23 September 2018
18 APR 2022 AT 20:55

लोग मुझसे पूछते है
तुममें क्या श्रेष्ठ देखा है मैंने ?
इस कठिन से प्रश्न का उत्तर
यही कहना... मैं ,मेरा तुममें होना है।

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18 DEC 2021 AT 18:34

मेरे इन आंखों में
अब ...अनगिनत से ख्वाब है
एक तुम्हारे होने भर से
कितना कुछ पा लिया है मैंने

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14 DEC 2021 AT 11:00

नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम

नहीं दुनिया को जब परवाह हमारी
तो फिर दुनिया की परवाह क्यूँ करें हम

#जॉन_एलिया
#Birth_Anniversary

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16 NOV 2021 AT 19:01

उससे प्यार है , बतलाना बड़ा ही आसान था मेरे लिए
पर प्यार जतलाना , उतना ही मुश्किल काम रहा मेरे लिए

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11 NOV 2021 AT 19:50

एक रूत आयेगी एक रूत जायेगी
पतझड़ को कहा कभी सावन नसीब है.

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20 OCT 2021 AT 8:20

छज्जे पर बैठे दो पंछी , रोये सब दिन साथ है
झरे नीर आंखों से ,लगे काले बादल बरसात हैं

हर डाली-2 से चुने ,तिनका-2 जोड़े साथ है
बिछड़ा आशियाँ उनका,रह गये खाली हाथ है

बिन कहे बिन बोले, रहते गुमसुम से आजकल
जाने कहा वो दिन जब चहके दोनों अनायास है

किससे कहें, किसको सुनाये, दर्द की बात है
सब रहते मशगूल सबकी अपनी-अपनी जात है

ये मौसमों का जोर कहे या कहें घटाएं घनघोर
टूटा है पहाड़ प्रेमी युगल पर , डूब गया जहान है

यह उनके लिए है सावन, मेरे लिए प्रेम मात है
जब डूबने लगे नदियां भी ,धरती पर वज्रपात है

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18 OCT 2021 AT 19:37

उसे भी अब याद नहीं , मैंने भी भूला दिया
अाखिरी मुलाकात में मोहब्बत ' फ़ानी ' बना दिया

चांद तोड़ लाने का वादा, उम्र साथ निभाने का वादा
उसके लिए सब कश्में वादे 'नाफरमानी' बना दिया

कभी तख्ती दिल बनाया,कभी साथ आशियाना सजाया
उसके लिए सब रिश्ते नाते बचपन की 'नादानी' बना दिया

मोहल्ले भर में एक उसी की खातिर... बदनाम हुए थे
आज उसकी बेवफाई ने कायनात का 'शानी' बना दिया

तुम कभी मिलोगे तो पूछेंगे, यहां अब रहेगा कौन
तुमने घर को घर नहीं, सहरा की 'वीरानी' बना दिया

रो पड़े आज जब अचानक से ,पूछ रहे लोग सबब
चला गया है गर्द आंखों में कहके अश्क 'पानी' बना दिया

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11 OCT 2021 AT 20:15

मुझे अभी ' जिंदगी ' में बहुत दूर तक जाना है
मैं तुम्हारे लौट आने तक रस्ता नहीं देख सकता

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8 OCT 2021 AT 8:59

चाक-ए-जिगर का अब आप मरहम न कीजिए
मुड़कर देखिए मगर अब कोई वास्ता न कीजिए
कई कई रातें गुजारी है हमने शब-ए-तन्हाई की
मेरी अब इन्हीं हस्ती आदतों से रिहाई न कीजिए

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6 OCT 2021 AT 20:12

किसी स्त्री के प्रेम में आशान्वित पुरुष
पृथ्वी की कई बार परिक्रमा लगा लेता है .

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