जिधर देखो इश्क के बिमार बैठे हैं..
हजारों मर गए, लाखों तैयार बैठे हैं-
एक शायर ने लिखा बहुत शानदार है,
कि मेरी तबियत ठीक है पर दिल बीमार है।-
तेरा यूँ मेरी झूठी कसमें खाना..
मुझे अक्सर बीमार कर दिया करता है.....-
श्री की तारीफ करूं तो अल्फ़ाज़ कम पडने
लग जाते हैं।
बस इतना समझिए के उसे नज़रे झुका कर चलना
पड़ता है ।
नज़रे उठा ले तो सब उसके इश्क़ के बीमार पड़ने लग जाते है ।-
बीमार क़ा हाल पूछने ही चली आओ आज
सुना हैं तुम बहूत अच्छा योगा सिखाती हो
😘😀 😜
happy Yoga day....
Keep healthy....keep yoga-
कभी-कभी बीमार होना भी अच्छा लगता है,
माँ की गोद में जो हर वक़्त सर रहता है।-
मेरी धड़कनों के चलने के आसार रेहने दो ,
ये इश्क़ विश्क का नाटक , ये प्यार रेहने दो ,
अब कम से कम वो हमे मिलने तो आती हैं ,
हम बीमार ही ठीक हैं , हमे बीमार रेहने दो ,
मदद को हाथ देकर हाथ पीछे खीच लेते हो ,
इससे अच्छा है की तुम हमे लाचार रेहने दो ।-
Yeh Kasmein Yeh Wade, In Haseen Laboo.n Par
Jaan-e-Jaa Tumhein Ishq Ne Kitna Lachaar Kar Diya
Ab Marne Karne Ka Kuch Socho Ayaab
Hayat-e-Muflisi Ney Tumhein Kitna Bimaar Kar Diya-
भीगा हूँ मैं भी मोहब्बत की उस बरसात में,
मुझको भी मर्ज-ऐ-इश्क़ हो गया है शायद अब....!-