भ्रम है उन्हें कि हमें उनकी आदत है जनाब,
हम अकेले भी पूरी महफ़िल से कम नहीं ।-
#Sach aur Bhram
टूट कर पत्ते अभी भी
टहनियों पर टिके हुए हैं,
एक सच की अब दरख़्त का साथ नहीं है,
एक भ्रम की अभी भी जुडे़ हुए हैं।।
टूट कर पत्ते अभी भी....-
भ्रम में हूँ या सत्य है ये, जीवन ये स्वच्छंद सा है,
सब कुछ तह में रखा है, पर अलमारी में बंद सा है।।-
Na jane Kis baat ka gurur hai...
Shayed kisiko kano-Kan khabar tak nehi
K janaza uthne k baad, dafn kr diye jayenge hum savi.
Waqt rehte, bhram dur Kr lo,
Kal ko raakh ban kr mitti me ja miloge, yehi - Kahi...-
अब तक समझ नहीं पाए
हम तुझे अपने दिल में समाए बैठे हैं,
या किसी भ्रम को अपने गले से लगाएं ऐंठे हैं।-
मेरा ये भरम है के मेरे पास तुम हो।
ये भरम ही काफ़ी है जीने के लिए।।-
शराफत का नकाब डाले हजारों अफसाने मिलेंगें,
सामने प्यार पीछे वार करने वाले हजारो कातिल मिलेंगे,
चाशनी में डूबे शब्दों के प्याले पिलाने वाले भी लोग मिलेंगे,
भ्रम क्या होता है ?और यथार्थ क्या?इसको समझाने वाले चुनिंदा कुछ ही मानव मिलेंगे,
वक्त पर साथ और हर वक्त साथ देने वाले बहुत कम मिलेंगे,
जो अच्छे है वो सच्चे है ..ये भ्रम पालने वाले भी बहुत इंसान मिलेंगे।।
-
बस यादें साथ है वो तो मुझको कब का छोड़कर जा चुका है।
बस बातें याद है वो तो कब का मेरा दिल तोड़कर जा चुका है।
बस अधूरी मुलाकातों की बात है वो किसी और से मिल रहा है।
प्यार तो बस कहनेकीबात है वो किसी और से इश्क कर रहा है।
मेरा तो जो भी था मैंने उसको ही सौंप दिया था दिलओजान से।
अब पतानहीं वो मेरेभरोसे और मेरी उम्मीदों का क्या कर रहा है।
वो मुझे अच्छा लगताथा मैं उसको दिलकी गहराईसे चाहता था।
अब उसे कोई और पसंदहै और वो किसीऔर से प्यार कररहा है।
उसके हाथोंमें किसीऔरकाहाथ था, कोई और थामा कर रहा है।
मेरा क्या है मुझे तो आदत है अकेलेपन की, दिल बैठा जा रहा है।
उसकी बातें उसकी यादें मुलाकातें सब याद आ रही हैं "अभि"।
उसके बारे में सोचकर के मेरा ये दिल बेतहाशा रोया जा रहा है।-