कहते हैं कि जाति और धर्म में भेदभाव गलत है!
फिर संविधान में जातिगत आरक्षण क्युँ निहित है?-
एक बेटे की चाह में कई बेटियां दुनिया में आ जाती है।
फिर भी इंसान तेरे अंदर,बेटे कि चाह मिट ना पाती है।-
कभी-कभी ही लिखता हूं,
आज के युग की सच्चाई जैसा हूं।
इस लिए शायद पल भर के लिए ही ठहरता हूं,
जैसे हाथ में रेत हूं, शहर में पेड़ की छांव हूं।
सिर्फ किस्मत में नहीं,
अपनी कलम में भी दम रखता हूं।
दिल को बहलाने का सामान मत समझो,
मुझको इतना भी आसान ना समझो।
मैं भी सारी दुनिया की तरह जीने का हक मांगता हूं,
इसको गद्दारी का ऐलान ना समझो,
मैं हिंदू हूं या मुस्लिम हूं इससे मेरी इंसानियत को ना तौलो।
ना जाने कितना लोग भेदभाव करते हैं,
एक शरीर में दो दिमाग रखते हैं।
घर में तो देवी माता को चुनरी ओढ़ाते हैं,
और राह चल रही नारी का समाज में मजाक बनाते हैं।
रंग भेद, जाति भेद, लिंग भेद, धर्म भेद और ना जाने कौन–कोन से भेद की दौड़ है,
मै पीछे रह गया इस दौड़ में अपने इंसानियत पे गर्व है।
मैं मुस्लिम हूं तू हिंदू है, हैं तो दोनों ही इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूं, तू पढ़ ले मेरी कुरान।
ना हिंदू सिख ईसाई, ना ही मुसलमान,
इंसान हूं और इंसानियत पर विश्वास।
-
मेरे समाज में लड़के की महबूबा का जिक्र
सुनकर बड़े शौक से ताली बजाई जाती हैं
लेकिन जब बात लड़की के महबूब की हो तो
ताली बंद और चेहरे की हँसी फीकी पड़ जाती हैं-
काले गोरे के भेद में कट रही है
एक नन्ही जान की जीवन
कुछ रंग रूप के मालिकों ने
ले लिया है समाज में
भेदभाव बनाए रखने का ठेका
जिस नन्ही जान ने सभी रंग पहचाने भी नहीं
वो बस अपने रंग की अस्तित्व में है भटक रही
कैसे उड़ पाएगी वो ऊंची उड़ान
जब हर मोड़ पर उसे नीचा दिखाएगा ये जहान
मत ले इतना बोझ अपने सर तू
कहीं टूट ना जाए तेरे रंग का ये गुमान
गोरे रूप का क्या करोगे तुम
वो बस होती है सजावट की समान और
उसे होता है अपने रूप का गुमान
रूप तो वो कहलाता है सुनहरा
जिसके अंदर बसती हो ज्ञान और
विनम्रता कि देवी।।।।-
उठ जाती है जो उँगलियाँ अक्सर
बेटियों के किरदार पर...
काश! बन पाती ये तमाचा
बेटों के व्यवहार पर...-
कड़वा हैं मगर सच है।
हम एक ऐसे समाज में रहते हैं
जहां
सुंदरता को रंग से देखा जाता हैं।
शिक्षा को मार्क्स से देखा जाता हैं
और
सम्मान पैसा देख कर दिया जाता हैं।
-
देह काट के देख लो ,
सबका खून है लाल।
जती-पाती धर्म का भेद,
हमने मन में रखा है पाल।-
लोग बोलते हैं कि
👇👇👇👇👇
हमें समलैंगिक से कोई समस्या नहीं है
तो फिर अपने बेटे बेटियों के साथ ऐसा क्यों नहीं करते हैं।-