अब तू बेवजह वजह ना पुछ इस बेरुखी की
कहीं ऐसा ना हो आईने से रुबरु ही ना हो पाए तू-
आ तोड़ इस कदर मुझे मैं हार खुद से मान लू
तू बेरुखी की इंतिहा दिखा मेरी हदे मैं भी जान लू
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ग़र इतना ही ख़फा है मुझसे, तो आके लड़ ले
मगर तेरी ये बेरूख़ी , मेरी जान लिए जाती है।-
_शिखस्त_
अल्बत्ता शिखस्त भी
जरूरी हो जाती है
अलम-ए-बेरुखी को
मिटाने की खातिर...
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अपनी खामोशियों को भी, जरा शोर करने दो..
हर बार बेरुख़ी से चुप हो जाना,यह भी तो अच्छी बात नही🖤-
Tujhe taras kyu nhi aata
Mere saath yu Berukhi karte hue
Tera gila khuda se karu bhi toh kaise
Tujhe maanga bhi toh ussi se hai💔😥-
Suno,
Itni berukhi bhi achi nahi hoti!!
Jaane kab se baithe ho
Mera dil le kar..
Ab ya toh apna dil dedo,
Ya mera mujhe wapas lauta do.-
तूने भी नहीं फ़िर यारा मेरी कोई भी बात मानी है ,
तूने तो बस मुझे हमेशा के लिए भुलाने की ठानी है..!!!-
बैठे रहो सामने तुम,
पलके झुका कर ही,
रखेंगे हम सनम !
💔
प्यार के आगे हारे थे हम,
वरना तुमसे बेहतर आती है,
बेरुखी हमें सनम !!-