मुझे अच्छी तरह पता है कौन कितना अपना है
मगर मैं फिर भी "काश" का सफ़र नहीं तय करना चाहती
क्योंकि मैंने सीखा है जीवन मे जब तक कोई व्यक्ति है उसकी कदर ज्यादा करनी चाहिये क्योंकि उसके जाने के बाद हम उसके लिए कितना भी अच्छा सोच लें या उसकी कदर कर ले उसका फायदा नहीं फिर हमे खुद लगता है "काश " थोड़ा और समय दे पाती कुछ और बाते कर पाती थोड़ा और जान पाती उसे समझाने से अच्छा समझ ही लेती तो ये काश हमेशा के लिए हो जाता है और तकलीफ भी ...तो इससे अच्छा है जो भी है जितने समय के लिए है कदर करो ,प्यार दो , समय दो, बाते करो, समझो उसे खुद का बेहतर नहीं बेहतरीन करो की तुम इस बात से संतुष्ट रहो की हमने सब कुछ अच्छा किया मगर जो होना होता है वो तो होता ही है और हाँ एक जरुरी बात उम्मीद मत करना की मैंने किया उसने क्यु नहीं किया क्योंकि तुम सिर्फ अपने जिम्मेदार हो खुद को सही करो सामने चाहे जो हो जैसा हो उससे ऐसा कुछ पाने की उम्मीद करना तुम्हारी बेवकूफ़ी हो जाएगी क्योंकि बिना उम्मीद जो भी मिलेगा तुम्हें ज्यादा भी लगेगा और असीम खुशी भी होगी 🫂🖤🧿-
||◆●◇ श्रीं शिवाय नमस्तुभ्यं ◇●◆||
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मैं नजरअंदाज करना नहीं चाहती किसी को भी,
लेकिन कर रहीं हूं.. कोई मुझसे बात करता है तो मेरे पास ज़वाब नहीं होते इन दिनों हालांकि ऐसा पहले नहीं होता था, अंदर से खाली होती जा रही हूं बिल्कुल भी...
मन मे बहुत घुटन है...बुरा लग रहा है बस वज़ह का भी पता नहीं है ज्यादातर अकेली रहना चाहती हूं क्योंकि लोग मतलबी से लग रहे है और अब लोगों से ज्यादा जरूरी मुझे नींद और खाली रहना अच्छा लगता है🙌🌻-
ये कलयुग का प्रेम समझ नहीं आ रहा मुझे,
वरना महल त्याग दिए जाते थे पर्वत पर रहने के लिए 🥀-
वर तुम "स्वयं" चुनो या "माता-पिता" ,
यदि विवाह किया तो प्रेम भी होना चाहिए ...
क्योंकि बिन प्रेम किए गए विवाह का अंत भयानक
हो गया है !!-
अपने जीवन को अपने तरीके से जीऊंगी ,
संघर्ष करुँगी, सफ़लता प्राप्त करके सपने पूरे करुँगी....
ताकि कोई मुझे लड़की होने की मर्यादाएँ ना सिखाये !!
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फ़िलहाल सबसे ज्यादा दुःख मुझे ,
मेरी खुद से लगायी गयी उम्मीद दे रहीं है !!-
वहा रहो जहां तुम्हारी ......
कदर हो, कीमत हो, जरूरत हो,
क्योंकि जहां तुम हो वहां लोग तुम्हें नहीं समझते
तुम्हारा दर्द तुम्हारी तकलीफ उन्हें नहीं दिखती,
जहां तुम हो वहां सिर्फ मतलब है......
सिर्फ अपने आप का मतलब ,
इसलिए वहां रहो जहाँ कदर हो, कीमत हो, समझदारी हो, प्यार हो, साथ हो, विश्वास हो,
अपनापन हो, फिक्र हो, लगाव हो....
वैसे भी कब तक सबके बारे में सोचेगे कभी,
अपने लिए सोचो अपनी जिंदगी, अपना दर्द, अपनी तकलीफ (इनके बारे मे भी सोचो)
क्योंकि तुम्हें अपने जीवन बहुत कुछ मिलना चाहिए
तो रहो वहां जहाँ तुम अपनापन महसूस हो 🙌💕-
मैं उपन्यास पढ़ने वाली लड़की,
ना जाने वास्तविक दुनिया का प्रेम कैसे अपनाउंगी.-