सब को जाने दो
फलानी तारों के
शहर में हम तुम्हें
अपने "बनारस"
ले चलेंगे घुमने
के लिए...
♥️🖤♥️
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काश ये महकशी सा हमारा इश्क़ जायज़ हो जाए,
और जो कश जलाए हमने तुम्हरी यदों मे, वो इस क़दर ज़ेहन मे उतरे की ज़हर बन कर घुल जाए।-
तुम जिने में ख़ुशी रखते होंगे
अपने सहर में हमे मरने का जुनून है,
ई बनारस है गुरु यहां जिने से ज्यादा मरने में सुकून है।-
उंगली थामे "महादेव" खड़े हैं,
"मां गंगा" का सर पे "आंचल" है...
"आरम्भ" मेरा "बनारस" है,
मेरा "अंत" भी "बनारस" है...
हर हर महादेव
🙏🏻🙏🏻-
भीड़ तो आज भी पहले जैसी ही बनारस के घाटों पर,
पहले भी जगह नहीं रहती थी पैर रखने की, और आज भी नहीं,
बस फर्क ये है कि, पहले भीड़ खुशियों की थी, और अब, गमों को भी जगह नहीं।-
इ बनारस है बाबू
इहा लोग टेम्पो मे निर्धारित नियम से नाही
शरीर मोटे पतले होवें के आधार पर बैठत हैं
तनी खिसका हो बच्ची
😅😆😂😜😂😝😛😀😃😅😇😇-
सोलह श्रृंगार एक तरफ
और तुम्हारे काजल की धार एक तरफ
❣️ सेठाईन❣️-