Tera yu baar baar nzr andaz krne ka hunar hme bhi kuch is qdr raas aa gya ,
Ki ab tujhe hi nzr andaz kr rhe h tere hi andaz me .-
लिखी हुई पंक्तियां अच्छी हैं या नहीं वह इस बात पर भी निर्भर करती हैं, कि
"आप पढ़ते किस अंदाज से हैं|"....-
# Andaz !
Sawal ka jabab bhi wo sawal se dete h, Kuch logon ke andaz bhi kya Kamal ke hote h..-
دل میں آرہیں ہیں یہ خواب کیسے کیسے،
بدل رہے ہیں سب کے انداز کیسے کیسے۔
اے انسان تو تھا شمّے فروزا جیسا،
نفس پے قابو نا رکھپایا تیرا لہجا ہے ایسا۔-
"ख्याल पुराना सा"
मुझे तो वो पुराना वाला रिवाज भी अच्छा लगता है,
सर पे तुम्हारे दुप्पटा मुझे आज भी अच्छा लगता है।
छूना सारी ऊंचाइयां ,हुनर तो तुम भी लाजवाब रखती हो,
घर की लक्ष्मी बनी रहो तुम ,ये ताज भी अच्छा लगता है।
कहाँ मिलेगा दिन भर की थकान में प्यार तेरी खुशियों का,
तेरे हाथों की चाय से दिन का ,आगाज भी अच्छा लगता है।
कौन कहता है कम्बख्त लड़कियाँ आसमाँ नहीं छू सकती,
सुने हज़ारों की भीड़ तुम्हें ,वो आवाज भी अच्छा लगता है।
चहचहाना चिड़ियों सा बिन मौसम बरसात सा लगता है,
घर को खुश रखने का तेरा ,अंदाज़ भी अच्छा लगता है।
बेच कर रख दिया है इंसानियत इन धर्म के ठेकेदारों ने ,
तुम्हें पसंद हों श्री राम तो ,मुझे नमाज भी अच्छा लगता है।-
कर ले भरोसा ,
हम तेरे ही है,
होंगे चाहें लाखों तारे,
लेकिन मेरा सितारा तो बस,
एक तू ही है😘।-
ना कोई शिकायत है,नही किसी से नाराज़गी है
क्यों खफा रहूं ज़माने से,हर अंदाज़ में मेरी ताज़गी है-
जब होता न कुछ अपने पास भी
तो लोगों के अंदाज़ बदल जाते हैं,
गर जरूरत है अपनों की भी
तो साथ देने से मुकर जाते हैं...-
क्या खबर थी कि उससे मोहब्बत हो जाएगी ,
हमें तो बस उसके बात करने का अंदाज अच्छा लगा था !!❣
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Hume unko nazarandaz kiya
Jisko humra andaz pasand tha
Aur humko unhone nazarandaz kiya
Jiska andaz hume pasand tha-