Intezar hai Ab to intezar h us pahli mulakat Intezar hai barso k us khwab ko haqiqat banane ka bhatki raho me achank tujhse mil jane ka, Tera sirf tera hone jane ka Intezar hai tujhe tujhse hi chura lena ka teri bahon me zindgi gujarane ka Dubate hue suraj ko intezar h agli subh ki us pahli kiran ka , jiski roshini me ab puri zindgi bitani hai ..... Intezar hai bs ab uska intezar hai.....
Bdi ajeeb kahani thi hmari , Bs do lfzo ki zubani thi tumhari . Ye waqt ki azmaishon ka shitm tha, Shayd mera pyar tumhare liye km tha. Tum to bhul gye mujhe mujhse behtr ki tlash me, Pr mera thikana aaj bhi vhi tha. Shayd mera pyar tumhare liye km tha..
काश हम कभी मिले ना होते , तो आज इतने गिले शिकवे ना होते । मेरे लफ़्ज़ों कि तू अन कहीं सी दास्तां है , जो कभी पूरी तो ना हो पाई। काश हम कभी मिले ना होते , तो ये दिल कभी धड़का ना होता । हम इस कदर जुदा ना होते , ये वक़्त कि बेरहमी का सिला है । जो हम मिलकर भी बिछड़े , इससे तो बेहतर था काश हम कभी मिले ही ना होते ।
इन्हें मिलकर हम समेट लें। मेरी ख्वाहिशों कि सुबह तुम हो , तुझमें ढलती शाम मै । मै कुछ अधूरी पन्नों से , तुम एक मुक्कल किताब हो । मै एक बिखरी हुई मद्धम शाम हूं, तुम एक सुनहरी सी सुबह मेरे सपनों की दुनिया है तू , और तेरे सपनों की शहजादी मै।
जैसे कभी किसी रह में , कोई अजनबी मिलकर अपना बहोत खास बन जाता है। माना कि हमारा मिलना भी अजनबियों को तरह हुआ , लेकिन देखो ना आज हम एक दूसरे की जान बन गए है । हम मिले भी तो ऐसे जैसे की डूबते को तिनके का सहारा मिल गया हो।
बस कुछ बदला है तो वो हो तुम ये वक़्त , तुम्हारे जज़्बात , हम तो आज भी वही है , जिसे तुम कहीं छोड़ कर चले गए थे । हम तो आज भी वही बेखबर है , जो इस दुनिया से अनजान है । बदल तो अब बहोत कुछ गया है तुममें , ये हालात बदल गए ,ये जहां बदल गया । मेरे लिए तुम्हारा प्यार बदल गया , पर हम आज भी वही है ।