Jo bichdna tha to milna jruri tha?
Jis zkhmo ko m bhul chuka tha, unhen kuredna jruri tha?
Bs ek zinda lash tha m milne se pehle,
Mujhe zindgi ka lalch deke fir se marna zruri tha????-
खुशियाँ बेचते है हम.
थोड़ी सी खरीदारी तुम भी कर लेना
अपने गम गिरवी रख के.-
तुझे मैं दिखाऊं तो तू यार कैसा
तुझसे मैं जताऊं तो प्यार कैसा
समझ जाओ मेरे अनकहे अल्फाज
समझ जाओ तुम भी मेरे दिल के अल्फाज
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""Waqt Zaya na kar be-parwah logo per...,,
Aye 'dil sabr kar,
Ye chehre pe marne wale log hain
Kya pta, kal koi aur mil jaye inhe tujhse behtar.-
कभी कभी सोचता हूँ ना जाने क्या हो गया
तू बिछड़ने पे आया तो पत्थर सा हो गया
तुझे क्या पता तेरे जाने के बाद क्या हुआ
तुझे लिखने का सोचा उस रात और इतनी पीकर
के ग़ज़ल रोती रही और शेर सो गया-
आप शायद इस बात को भूल रहे हैं कि अखबार से ज्यादा कलम में ताक़त होती है।
क्योंकि
एक ही दिन में क्या पढ़ लोगे मुझे मैंने खुद को लिखने में सारी जिंदगी लगाई है।।-
वो तो साफ़ अल्फाजों में जुदाई मांग रहा था,
फिर भी उसकी आंखों से रज़ा क्यूं न मिला!-
Khamoshiya bahut kuch keh
jati hai....
Bs unhe samjhne k liye alfaazon ki nahi jazbaaton ki jarurat hoti hai.....-
लफ्जो पर विश्वास तो हर कोई कर लेता है,
अगर समझ सको तुम छूटे अल्फ़ाज़ तो हा तुम प्रेम में हो।-