दूरियां बना लो हमसे,
वरना मोहब्बत हो जाए गर तुमसे,
तो कसूर मेरा नही।
सवालों के घेरे में आ जायेगी मेरी शख्सियत,
इरादा पाक होते हुए भी
बेवजह ये इल्जाम अच्छा नही।
हाँ कुछ अल्फाज़ो के खेल में
मैं तुम्हे पसंद करने लगा हूँ,
बात अलग है कि तुमसे कहता नही।
डरता हूँ तेरी मौजूदगी को खोने से,
जब दिल धड़क धड़क कर एहसास दिलाता है तेरा,
नज़रअंदाज़ करके उसकी बातों को मैं सुनता नही।-
Na Jane kyu raba
Jo Dil ki bahut karib hai
Wo ajj Dil se bahut dur hai..!!!-
मेरे और मोहब्बत के बीच मे एक लंबी खाई है,
हाँ ये सच है,हर बार मोहब्बत में मैंने शिकस्त खाई है।
कुछ याद हैं उनके,जो मेरे अल्फाज़ों में जिंदा हैं,
वरना,बात अलग है,अपने ज़िस्म को अस्थि मानकर,
गंगा में डुबकी लगाई है।-
Man ki khidki khol
Ek naya sawera ek nai umeed tumhara intzaar kr rahi rhi hai....
Na-umeed mt ho apni koshisho se
Kismat bhi imtihaan leti hai kamyabi dene se pehle.....
Man ki khidki khol
Tanhaai or akelepan se bahar nikal....
Tu apne kal ko bhoola kr aaj ko jee.
Ek nai soch tujhe aage le jayegi
Apne man ki khidki khol....-
Mn krta hai dur chali jaun is dunnia se.....
Khush rehne lagi hun ab is akelepan se......
Tumhare jane k baad aisa lga jaise akelapan mein dunia bsa li maine.....
mano muhabbat si ho gai is tanhaai se....
Ab na kisi k aane ki khushi na kisi k jane ka dukh......
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कल तक मुझे, आज़ उनको मेरा ना होना खलता है,
क्योंकि अब मुझे अकेलापन बड़ा अच्छा लगता है।।-
तेरी आंख में आंसू ना देख सका में
सारी रात चैन से ना सो सका में
तेरे इंकार की वजह जान गया
तेरी मजबूरियों को मान लिया
अपने दिल का हाल अब बयां नहीं होगा
अपने जज्बातों को अब बांध लिया
खुश रहे तू जहां भी रहे उस रब से दुआ है मेरी
आज तेरी खुशियों के लिए
एक मन्नत का धागा बांध दिया-
ना करे कोई बात मुझसे,
मुझे गम नही ।
एक शख्स मिलता है ,
आईने में मुझे ।
हूबहू मेरे जैसा,
जो किसी से कम नही ।-
मैंने कब पूछा कि मंजिल-ए-रास्ता किधर है
तुम यह बताओ मेरे महबूब का घर किधर है-