उसे चाँद से इश्क़ हो गया,
हाय! ये क्या गज़ब हो गया।
उसे अज़नबी से इश्क़ हो गया,
हाय! ये क्या गुनाह हो गया।
कल तक जिसे इश्क़-विश्क़ के
नाम से चिढ़ थी, आज उसे भी
शिद्दत से इश्क़ हो गया,
हाय! ये बात क्या अज़ब हो गया।
कल तक जो उसका सनम था,
आज किसी और का हो गया,
हाय! ये क्या सितम हो गया।
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