कल तो....
रब्ब जाने कहां रहूंगा मैं.....!
रब्ब जाने कहां बसेगी तू...!!-
_धडकन_
अपने कल से,
फिर डरने लगा है ``❤"...
के ........ .... ......💗...,
दोबारा खामोश हुई है आज
☆☆☆-
आज कुछ करना है
आज हम बेठे हैं बेकार,
घर पर कर रहें है विचार।
आज कुछ कर पाएँगे,
या घर बेठे रह जाएँगे।
करने के लिए दुनिया है बड़ा,
मन में एक सवाल है खड़ा।
कोन सा काम करें हम,
किसमे लगाएँ अपना दम।
पैरो के कदमों को बढ़ाएँ,
या पीठ मे पंख लगाएँ।
आज खाली नहीं बेठना है,
कुछ बड़ा करके ही मरना है।
एक लंबी उड़ान भरना है,
और आसमान को छूना है।
आज चुप नहीं बेठना है,
आज कुछ तो करना है।।-
जिनको अपने घर में बेटी
होने पर ऐतराज था आज
उनको भी अपने मोहल्ले
में कन्या की तलाश है...-
अक्सर तुझे खुश रखने के लिए...
मैंने खुद को नाराज करते देखा है...
तेरे साथ कल के सपने संजोने के लिए...
मैंने अपने आज को खोते देखा है...-
तूने मुझे छोड़ा एक सच्चे प्यार के तलाश मे..
मै आज भी वही खड़ा हुआ तुझसे मिल जाने की आस मे..-
राज़ को राज़ रहने दो,
आज को आज रहने दो।
कल का कया भरोसा,
राज़ रहे ना रहे,
लेकिन राज़ को आज रहने दो ।-
कही खो गयी हूँ मै आज खुद को ढूंढूंगी
और एक बार फिर आसमान में अकेली उड़ूँगी-