QUOTES ON #YQTELLS

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6 JAN 2020 AT 22:16

युँ जो मै लिखती हूँ ,उसमे ना मेरी कोइ कहानी है!
अजी हुज़ुर,कागज़ तो पढ लिया कभी आँखे भी पढो...ये सब आपकी ही "महरबानी" है!

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20 APR 2019 AT 14:12

शाम है पर कोई शमाँ जलाने वाला नहीं
ख्याल है पर कोई ख्याल मे आने वाला नहीं
दर्द है पर कोई दर्द छुपाने वाला नहीं

जिन्दगी जंग-ए-मैदान बन चुकी है पर सामने कोई आने वाला नहीं

प्यार है पर कोई प्यार जताने वाला नहीं
अहसान हैं उस पर बहुत कोई अहसान चुकाने वाला नहीं
अरमान गयें हैं सारे टूट कोई अरमान सजाने वाला नहीं

जिन्दगी जंग-ए-मैदान बन चुकी है पर सामने कोई आने वाला नहीं।

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26 APR 2018 AT 11:02

वो बुलंदी किस काम की "साहब" जिस पर इन्सान चढ़े और इंसानियत से गिरे जाये !

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3 AUG 2020 AT 15:49

चुपकेसे बो आता है दिलो मै समा जाता है..
ना रुकने का नाम लेता है ना ठेरना चाहती है.. दिन ब दिन बढ़ता ही जाता है..
मुझे अपनी आगोश मै भर लेता है.. चाह कर भी छुड़ा नई पाते है...
बोहोत मुश्किल से पीछा छुड़ा है जब अपनो ने हमे संम्हला है.. ये डर जब तुम्हे जकड़ ता है..
बो इतनी आसानी से पीछा नई छोड़ता है... रात के अंधेरे मै साया बन कर आता है दिन के रोशनी मै कहाँ छुप जाता है.. ये डर ही तो है...
चुपके से बो आता है तन्हाई मै बश जाता है

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10 MAY 2018 AT 10:15

वो डोर उलझी सी रहती हैं हरदम
जिसे मजबूती से हाथो में पकड़
रखा है हमने
एक न एक दिन गाँठ सुलझेगी
जरूर

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11 SEP 2020 AT 18:48

बड़ी ही खुबसूरत है..,
दुनिया की महफ़िल.!

हसते हुए चेहरे,
बिखरे हुए दिल...!

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12 JUL 2020 AT 22:58

इसका न ही कोई अन्त हैं,
यह आकाश के समान अनन्त हैं,
यह एक विशाल सागर समान हैं,
जो भी कोई इस में एक बार बह गया,
वो पुनः न वापस लौटा हैं,
प्यार खुशियों भरा संसार हैं,
उसे मृत्यु का भी भय नहीं जो,
एक बार प्यार में पड़ जाऐ.........
प्यार में हम हर हद़ को पार कर जाते हैं,
हम हमारे अपनों से भी लड़ जाते हैं......
प्यार हमें हमारे हक़ के लिए लड़ना
सीखाता हैं......
प्यार बहुत ही खूबसूरत एहसास हैं।

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29 AUG 2020 AT 10:11

कई कहानियाँ अधूरी पड़ी हैं,
डायरियों में बन्द,
अलमारियों में कैद।
उन्हें पूरा करने की हिम्मत नहीं है,
या शायद शब्द नहीं हैं।
वह भी सोचती होंगी..
उनका हिसाब किताब कब होगा?


पर यूं तो लगता है कभी कभी,
हर कहानी का अन्त होना ज़रुरी तो नहीं।
कुछ अफ़साने अधूरे ही अच्छे होते हैं,
बिना रफा-दफा बिना बहि-खाता ही सही होते हैं..!!

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5 MAY 2018 AT 19:47

" दर्पण "

दर्पण परछाई को देख बोल उठा
चल तूझे छवि निराली दिखाता हूँ
तुम्हें कही दूर तलक ले जाता हूँ
ख़्वाब को तेरे शक्ल बनाता हूँ
कुछ पल के लिए ही सही तेरी परछाई
मैं बन जाता हूँ
तू भी तो जाने हकीकत में कितनी अनोखी और कितनी निराली हैं
समंदर से भी गहरी तेरी आंखें जिसमे मैं खुद को पाता हूँ
होठों पर तेरे मुस्कुराती ललिमा हैं छाई
कुदरत ने ली हैं जैसे कोई अंगड़ाई
मख़मल लिबास में लिपटी तू माथे पर न ख़ौफ़ किसी का
काली घनी जुल्फ़ो में पलको पर हया लिए फिरती हों
अंम्बर को मुठ्ठी में लिए शर्माती चलती हों
कदमों को आहिस्ता-आहिस्ता आगे बढ़ाती हों
कोई टकराए न तुमसे इसलिए ज़मी को अपना घर बताती हों
शुक्र हैं मैं दपर्ण हूँ इंसां...नहीं
गर होता तो कब का तुझे अपना दिल दे देता
और तेरी स्याही बन गया होता ।
© Pinky







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12 DEC 2017 AT 18:00

I am so sweet that I can fill you with envy and rage.

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