उफ्फ...
ये रात...
तुम्हारा साथ...
तुम्हारा हाथ...
और बस हमारी बात....💕-
Baaki kyu btau??
काम से फुर्सत निकालो,बैठो कुछ पल साथ में..
है तकाज़ा वक्त का ना है तजु़र्बा पास में....
जल्दबाजी़ ना करो, समझो कठीन इज़हार है...
तसल्ली से तसव्वुर को बयां करने का इन्तज़ार है🌹-
सुनो ,
अब अगली बार बाज़ार जाओ ,तो एक गज़रा भी लेते आना
इन जुल्फों की भी ज़िद है, अब तुझसे बंधने की....
-
ज़िंदगी उलझ रही है मेरी ज़ुल्फो कि तरह...
गर तू चाहे तो दोनो संवर जाए!-
तुम्हारे नाम से भी,
मुझ पर रंगत चढ जाती है😌
उफ्फ...तुम यूं आया ना करो,
मेरी नीयत बिगड़ जाती है🙈-
संवार लेती हूं रोज़ थोड़ा खुदको
कल मुलाकात हुईं तो कैसा होगा?
सिरहाने मेरे ,एक धुंधला ख़्वाब रखा है
कल मुकम्मल हुआ तो कैसा होगा?-
आंखों में प्यार, वो दिल में फरेब रखता है
न जाने क्यूं?, तेरा इश्क़ अब बेईमान ज़्यादा लगता है
बातो में कसमें और बड़े वादे भी रखता है
वो उस यकीन से कहने वाला,मानो तजु़र्बा ज़्यादा रखता है
बातें मीठी ,वो होठों पे एक मुस्कान रखता है
तेरी दोस्ती दोस्ती कम ,कारोबार ज़्यादा लगता है
सुबह की चाय होने वाला प्यार,अब रात का अख़बार लगता है
गिरवी ईमान रख शायद,वो उम्मीदे ज़्यादा रखता है
वो करके एहसान, हिसाब बेहिसाब रखता है
उफ्फ ये मुलाविज़ सवाल तेरे, इंतिहान ज़्यादा लगता है-
शिव प्रेम है...
और सती प्रेम की पराकाष्ठा....
खुली हवाएं, आसमां और आस्थाओं को उत्सुकता हो रही है....
आज फिर सती शिव की हो रही है-
छूटे ना छूटे
तू ऐसा घुला है...
मुझमें कहीं
तू ऐसा रंगा है...
जाता नही है
आदत बना है...
मै मनचली
और तू चुलबुला है...
खोया है खुदको
तू जबसे मिला है...
ना कोई शिकवा
ना कोई गिला है....
यादों से मेरी
तू मिटता नहीं है...
आंखो से देखूं
तो दिखता नहीं है...
दिल से तू मेरे
निकलता नहीं है....
पाना जो चाहूं
क्यों मिलता नहीं है???
अरे उलझन बड़ी है...
मुश्किल घड़ी है...
तेरी ज़रूरत है...
तेरी कमी है...!!!-