फ़िर एक नई उड़ान , और वही प्यारा नीला आसमान
ठंडी हवाओं संग बीते , मेरी सुबह मेरी शाम❇️🏝️..-
बहुत छोटा है कद ए आसमाँ तेरा
तुझसे ऊँची तो मैं अपने हौंसलों की उड़ान रखती हूँ-
कब तक बहेगा तू हवा के साथ
आज थम जा तू कुछ तूफानों के लिए
कब तक चलेगा तू कांटों के साथ
आज रुक जा तू कुछ गुलाबों के लिए
कब तक सुनेगा तू दूसरों की कामयाबी के किस्से
आज चल जा तू अपनी ही राह पर
क्यों तेरी हँसी दूसरों पर टिकी
आज खो जा तू अपनी ही धुन में
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जिन्हें चाहते हैं दिल से
अक्सर उन्ही से दूर होना पड़ता है
आ जाये याद अगर उनकी
तो आँसुओं से लड़ना पड़ता है
उनसे मिलने के लिए हर पल
ये दिल तड़पता है
फिर कैसी मजबूरी बन जाती है हमारी
सिर्फ उनकी खुशी के लिए
हमें उनसे दूर होना पड़ता है
कैसी दुनिया है ये जहाँ हर दिन
हमें अपनों से ही दूर होना पड़ता है-
। उड़ान ।
मौत को गले लगा कर जीना आता है,
युही नही सहाब.....
पंछियों को तूफानों को चीर उड़ना आता है ।-
इरादों को और मजबूत करने का इंतजाम चाहिए
हौसलों को कर बुलंद, एक ऊंची उड़ान चाहिए
अधूरी ख्वाहिशों को दफ्न करने का सामान चाहिए
दिल के किसी कोने में भी एक कब्रिस्तान चाहिए..!!
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Teri.... Khoobi pai duniya hansegi
Teri.... Khushi se duniya Jalegi
Tuje mein koi kami nahi hai...
Lekin teri kamyaabi aane se duniya daregi
Tu... Udd befikr udd
teri udaan hi iss duniya ko badle gi...-
उड़ने दो इन परिंदो को
पूरा आसमान बाकी है।
शुरू किया है सफर जिंदगी का
अभी तो असली इम्तहान बाकी है।
वक्त के साथ बदलता ये आसमान भी
रोज नए करतब दिखलाता है ।
परिंदो के बढ़ते पग को
यू ही डगमगाता है।
इन परिंदो के हौसलें भी
पर्वतो से कम नही हैं।
असफलतायों के अथाह सागर में भी
इन्हें किसी का गम नही है।
छोड़ दो इन्हें यू ही
सुनहरे पन्नों में दर्ज होना बाकी है ।
उड़ने दो ....
शुरू किया है सफर .......-
Aaj... phir ek nayi talaash mein nikal pade hai...
Aaj.... Phir ek nayi Kadinaiyon se uljh pade hai..
Aaj... Phir ek nayi tarangon ke sangh chal pade hai..
Aaj... Phir ek nayi udaan bhar pade hai..-