इंसान परिंदो के घर उजाड़ कर...
अपना घर बना रहा है...
परिंदो को दुख देकर...
खुद खुशियों से उछल रहा है...
खुद उनके घर उजाड़ कर ..
अपना आशियाना बना रहा...
खुद सुख से रहने लगा है ...
लेकिन परिंदो को खुले...
आसमान में उड़ने को मजबूर कर रहा है ...😒
(( Plz don't cut tree's 🌲🌲🌿))-
Ae insan,
Aazad krde un parindo ko
Jise tune kaid Kiya e ,
Shayad Tu sun na paya us boli ko
Jo usne Apne khuda se keh Diya e.....
Uski udhaan badhi lambhi thi
Jise tune rokh Diya e ,
Shayad Kuch keh na paya vo tuzhe
Lekin Uske khuda ne sb sun liya e......-
मैं सोचता हूँ इन चिड़ियों को उड़ना कौन सिखाता है
रोज सवेरे ब्रह्ममुहूर्त में फिर उठना कौन सिखाता है
चंचल,कोमल,निर्मल सी वो मन मर्जी से उड़ जाती हैं
सीखा नहीं हारना उसने वो तूफानों से लड़ जाती हैं
जाड़ा या गर्मी का मौसम और वर्षा भी सह लेती है
ओलावृष्टि और तूफानों मैं, वो बेघर भी रह लेती है
एक- एक दाना चुन- चुन कर पहले उन्हें खिलाती है
बड़े प्यार से बच्चो को फिर जीना रोज सिखाती है
गर्मी के मौसम में देखा उसको वो रेत में नहा लेती है
बरसात के मौसम में चुन चुनकर बूंदों को पी लेती हैं
तीनक तीनका जोड़-जोड़ कर सुंदर मकां बनाती है
हालातों से लड़कर भी वो एक सुंदर जहाँ बनाती हैं
कपिल नाजुक होना बुरा नहीं हमको ये समझाती हैं
नन्हेनन्हे रंगबिरेंगे पंखोंसे पूरा आसमान उड़ जाती हैं-
वो जो निकल आए तेरे शहर से"मन्या"वो
मेरे गाँव में है
वरना जो रह गए वो परिंदे आधे मर गए
आधे कैद में है-
बेजुबा परिंदे न जाने करते कितनी बाते,
है दुनिया में शोर इतना
न सुन पाये कोई इनकी बाते ।-
"Agar 2-3 Din Baad Hi
Reply Karna Ho Toh
"Kabutaar" Hi Rakh Lo,
Whatsapp aur
Kyun Use Karte Ho?"-
Put water pot for Thirsty birds in the Summer, to save their lives.
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