जिसके सबर को तराशा गया हो
वो क्रोध का आधी नही होता..-
महाकालीके प्रचंडिनी
तू श्वेत वर्ण धारीनी,गौरी,
सती,भैरवी, महाविद्या,विनाशीनी,
पापनाश शोषिनी,पुण्यपाठ प्रशिक्षिणी,
घोर तू,अघोर तू,शांतीरुपीणी,
हे त्रिशूळ खंगधारीणी,अंधकार नाशीनी,
हे मायास्वरूपीनी,सत्यअवलोचिनी,
आदिशक्ती, शक्तीपीठ,
हे उज्जेयिनी वासीनी, हे रक्तभक्षिनी,
हे भक्तरक्षिणी,हे पापनाशिनी, विश्वमातृस्वरूपिणी,
नमन तुज प्रकाशिनी, नमन तुझं प्रकाशिनी॥-
अधर्मीयो का ज्ञान भी, तु धर्म का प्रमाण भी।
कश्ती की पराकाष्ठा भी, तु सत्य असत्य का भेद भी।।
यह तीनों लोक भी तेरे, यह चारों धाम भी तेरे ।
कैलाश का वासी भी तू,शमशान पर नाम भी तेरे ।।
शक्ति का शिव भी, तु गौरी का शंकर भी।
देवो का महादेव भी, तु काली का महाकाल भी।।
सृष्टि का रचयिता भी, तु सृष्टि का पालनहार भी ।
आग की ज्वाला भी, तु शांति का प्रतीक भी।।
रूद्र भी तु ध्यान भी , संगीत भी तु राग भी ।
हार, जीत, पाप, नाश और पुण्य का सार भी।।-
चंद्रभागेची ही लाट
पाहते रे वाट ।। ध्रु ।।
नको रागवु भक्ताशी
नको फिरवु रे पाठ
विठु तुझ्या आषाढीची
उगवली ही शुभ्र प्रभात ।।१।।
भक्त तुझे काही वाजवी
टाळ काही वाजवी मृदुंग
चंद्रभागेकिनारी पुंडलिक
उभे राहिले तुझ पाहत ।।२।।
भरुनी वारीचा मेळा
निघे विठु विठु गात
विठु तुझ्या गाभारी
आमचं सुख रे राहतं ।।३।।
चंद्रभागेची ही लाट
पाहते रे वाट ।।ध्रु।।-
राम राम जय राजा राम
नवमी को अयोध्या जन्मे श्रीराम, हारे दोष सभी बनाए बिगड़े काम ,
दे भय से मुक्ति और लगाए दुख पर विराम
राम राम जय राजा राम।।
हनुमान वारे जिनपे श्वास और प्राण,बसे चरणों में कहे प्रभु क्या है काम
राम राम जय राजा राम।।
नाम सकल सर्वत्र महान, धर्म रेघ जपे मर्यादापुरोषत्त्म श्रीराम
उनसा ना कही धनुर्धर महान ,शिव भी जपे जिनका नाम,
सिया में बसे जिनके प्राण,राम राम जय राजा राम।।
सुख बसे बस एक ही नाम
राम राम जय राजा राम।।
अनमोल अनुपम अविश्वसनीय सा सुंदर धाम
अयोध्या बसे मेरे श्रीराम, राम राम जय राजा राम।।
नयन भरे , श्रृष्टि संग सुर मिलाए ,मिट्टी का कण कण भी गाए बस एक ही नाम राम राम जय राजा राम।।-
नारी है वो तुम्हे ९ माह उदर में धारण करने का साहस रखती है। क्या समझते हो क्या वो डरती हैं? या तुम्हे आजमाती हैं?
कभी पढ़ोगे उसके मन को तो जान पाओगे के वो क्या होती हैं। गौरी भी और काली भी ये दोनो भी उसमे ही समाहित होती हैं। वो कोई साधन नहीं वो तो साधना से भी परे हैं। क्रोध की ज्वाला वो शान्ति का प्रतीक हैं। जो आया उसकी राह में उसका विनाश निश्चित हैं।-
आनंद की वर्षा होए ।
नई शुरवात मनकों मोहे।
मन हर्षित होकर कहे।
नए साल की ढेर शुभकामनाएं।
पुरी हो सबकी मनोकामनाएं।
HAPPY NEW YEAR
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winters came.....
Petals of that lotus flower opening slowly.....slowly
And the rays of moonlight lightening that flower completely....
It was shining in that darkness of night....
like the glitters come on earth form the skies....
The earth is celebrating the ending of this year.....
It's not end the new beginning are near....
Saying goodbyes to all the fears..... smiling happily by wiping all the tears....
Her heart is capturing the happiness and the beauty of that flower ....
Like stealing chocolates form the mummas jar....
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उत्सव अंधकाराला दुर करणाऱ्या दिप दिपावलीचा
लक्ष्मी गणेश आगमनाचा .....
धन, सुख, समृध्दी, ज्ञान देऊन प्रकाशित करणाऱ्या नविन आशांच .....
नात्यांना अतुट करणाऱ्या विश्वासाचा.....
दिपावली निमित्त आपणास व आपल्या परिवारास हार्दिक शुभेच्छा☺️🎉🎉-