Once the sea separated a fish from itself.
Because the sea couldn't hold that fish anymore
Why the sea couldn't understand that a
dolphine can breath without water but a fish can't...!-
Insta: soulful_shunya
Spritual poetries : ... read more
तेरी याद भी अगर
आएगी हमें
तो तुझे कभी अब
बताएंगे नहीं
नाराज़ तो होंगें तुमसे
यारा, मगर
नाराजगी तुम्हें अब
जताएंगे नहीं
हमें तो बस फ़िक्र रहती है
तुम्हारी, और
एतबार तुम्हें हम पर
ज़रा भी नहीं
मेरी मोहब्बत से तुम
परेशां न होना
अब, "उम्मीद" तुमसे
हम लगाएंगे नहीं-
अपनी पहली मोहब्ब्त को भुलाने आए थे
दरअसल वो बस दिल्लगी के लिए आए थे
पहली मोहब्बत से उन्हें तकलीफ मिली थी
तो हमारे पास वो दिल बहलाने को आए थे
जब था मालूम की हमसे इश्क़ नहीं हैं तुम्हें
तो क्यूं दोस्ती के नाम देकर हमें उलझाए थे
यूं फरेब में रखकर तुमने कोई दिल था तोड़ा
मगर गलती पर अपनी जरा भी न पछताए थे-
तुम इश्क़ विश्क की क्या ही बातें करते हो, जनाब!
अरे! हम तो अपनी दोस्ती में ही जख्म गहरे खाएं हैं
कल तक वो जो मेरे घावों पर मरहम लगाने वाले थे
अपने ज़ख्मों पर हम नमक भी उन्हीं से लगवाए हैं-
हम गाँव से भटके
वो मुसाफ़िर हैं,
जिनके हिस्से में कभी
शहर ही न आ सका!
एक बार ऐसे मुसाफ़िर हुए,
की सफ़र में ही थमे रह गए!
मगर यकीनन ही,
उस गाँव में सुकून बहुत था !-