रीत, बंदिशें, परम्पराओं मे जकड़ो मुझे,,
जो अभी दूर हैं वहीं रहे,,
कोई मुझकों जुदा करें उससे......।।-
उठा लूं पलकें, ये जिद है आईने की
तुम कह दो, तो बदल दूं रीत जमाने की
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Jo Govt job ke exam ya result ka wait kar raha hi aur uske baad shadi ki bhi soch rha
🙈🙈🙈🙈
😂😂-
वाह रे दुनिया तेरी बात निराली
क्यों बेटी हमेशा अज़ाब कहलाई
वो बेटी है इसलिए गुनहगार कहलाई
वाह रे दुनिया बेटी के लिए अच्छी रीत बनाई-
क्या दोष लगायें जमानें की रीत पर,,
वो खुद ही काफी है.....
हमारे रिश्तें मे विष घोलने के लिए.....!!-
ऐसी भी क्या रीत बनाई ,जो हर
लड़की को अपनों से दूर होना
पड़ता है...
सोचो,क्या अपने घर रहने का उनका
दिल नहीं करता है...
कहने में तो लड़के-लड़की एक
समान है,मगर फिर भी क्यूं हमेशा
लड़के से ही वंश आगे बढ़ता है...-
तुमको मेरी प्रीत पसंद है,
फिर दुनिया की रीत,
या तो मेरे गीत गलत है,
या दुनिया की सीख.
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ईश्वर ने ऐसी रीत बनायी
बेटी होती है पराई
कितना भी पढ़ लिख जाए
वो आदमी के पैर की जूती कहाई
हो जाता सारी इच्छाओं का दमन
जब बाबुल का छोड़ के अंगना आई
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Agar waqt mile to Dil ko kitaab khol kar dekh lena....
Tere diye hue foolon ki mehak Aaj bhi mojood hain..bhle to kitna bhi door hain..par ye yaad rkhna ki sirf tere hone se hi es chehre p noor hain...-