QUOTES ON #PARTITION

#partition quotes

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3 DEC 2021 AT 17:11

Make a Bridge that Connects
&
not a Partition that Separates

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18 MAY 2017 AT 10:58

सैंतालीस की दीवार ने, शुक्र है,
हिंदी उर्दू को तक़सीम नहीं किया
वरना इश्क़ और मोहब्बत,
प्यार को क्या मुँह दिखाते।

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6 JAN 2022 AT 16:33

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22 NOV 2017 AT 23:49


।।एकता से अनेकता।।

उंगलियों को मिल कर
मुट्ठी बनते देखा है मैंने।
इस मुट्ठी से हर टकराने वाले को
डरते देखा है मैंने।
छोटी-बड़ी मोतियों को
माला में पिरोते किसी को देखा है मैंने।
चमकती मोतियों की माला पर
मैल के भार को भी बढ़ते देखा है मैंने।
एकता की इस मुट्ठी को कमजोर करते
नाखूनों को बढ़ते देखा है मैंने।
मैल के भार को हावी होने से
मोतियों को फिर से बिखरते देखा है मैंने।
नाखूनों की निरंतर विकास से
मुट्ठियों को खुलते भी देखा है मैंने।
सब तो देख लिया मैंने पर
अफ़सोस!
किसी को नाखून को काटते,
या मोतियों को फिर से
माला में पिरोते नही देखा है मैंने।।

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20 JAN 2022 AT 22:58

बलदेव सिंह, जॉन मथाई, सी राजगोपालाचारी, जवाहरलाल नेहरू, लियाक़त अली ख़ान, बल्लभभाई पटेल, इब्राहीम इस्माइल, आसफ़ अली, सी एच भाभा
(बायें से दायें, अग्रिम पंक्ति में)
जगजीवन राम, ग़ज़नफ़र अली ख़ान, राजेंद्र प्रसाद, अब्द अल नष्तर
(बायें से दायें, पिछली पंक्ति में)

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20 JAN 2022 AT 16:53

शरतचंद्र बसु, जगजीवन राम, राजेंद्र प्रसाद, वल्लभभाई पटेल, आसफ़ अली, जवाहरलाल नेहरू, अली ज़हीर
(बायें से दायें का क्रम)

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28 MAY 2020 AT 19:12

काश उनसे एक ऐसी अनोखी मुलाकात हो,
जब हम दोनों मिले और फिर बरसात हो।
आंखो ही आंखो से हमारे इश्क़ की शुरुआत हो,
जिस दिन लिखा हो हमारी किस्मत में बिछड़ना,
एक मैं हूं, शराब हो और वो आखिरी रात हो।

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15 SEP 2019 AT 21:22

हाथ हो जाएंगे दो से आठ उसको था यकीं,
चार टुकड़े खेत के बच्चों ने लेकिन कर दिए।

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23 APR 2024 AT 18:21

लकीर खींची वरक़ पे वतन अलग हो गये
कि दीन के लिए हम फ़ितरतन अलग हो गये

नहीं रही कभी पहले सी बात रिश्ते में
अलग-अलग हुए दोनों तो मन अलग हो गये

कुछ एक लोग थे घर के कुछ एक बाहरी भी
हमारा लूट के सब, राहज़न अलग हो गये

चनाब , सिंधु से रावी या व्यास से झेलम
सियासी झगड़े में भाई-बहन अलग हो गये

वही ज़बान वो ही ज़ाइक़ा है लोग वही
तो ऐसा क्या हुआ जो हम-सुख़न अलग हो गये

तो क्या हुआ जो तिरे फूलों पे नहीं रहा हक़
ये ख़ुशबू सांझी है बेशक चमन अलग हो गये

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26 JAN 2019 AT 13:34

पन्ने पलटते गए अखबारों के
मंच पर अभिनय करते किरदारों के
पलट-पलट,पलट गया जो पलटना था
सिक्का था आखिर बदलना ही था
राजपथ से लेकर रागदरबारो में
रंगमंच से लेकर नाटक करते किरदारों में
खूनी प्यासी निगाहों में
उछलते सम्प्रदाय के अंगारों में
सिक्को की खनक सुनाई पडी
खींची गई लकीरों की दरारों में।



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