Harshita Yadav   (हर्षिता की कलम)
1.0k Followers · 936 Following

🏣 deoria, UP
Joined 1 November 2017


🏣 deoria, UP
Joined 1 November 2017
3 HOURS AGO

शायद! वक्त कोई चाल चल गया,

भीतर कुछ खिलते खिलते रह गया।

बनना था जिन्हें सदाबहार सा,

वो बस रातरानी बन के रह गया।।

-


23 HOURS AGO

जिसको हक़ीक़त में हक़ीक़त से कोई वास्ता ही नहीं ।

-


7 JUN 2020 AT 9:50

किसे पता है जिंदगी क्या गुल खिलाएगी,
आज हँसा रही कल जाने कितना रुलायेगी।
पल दो पल की उड़ान है उड़ लो पंछियों,
क्या पता कब हमारे पंख कतर ले जयेगी।।

-


18 MAY 2020 AT 21:08

जो सबके लिए होता है,
असल मे उसके लिए कोई नही होता।।

-


23 MAY 2020 AT 10:34

ज़िन्दगी भी बड़ी अलबेली होती है,
समझ आये तो सहेली,ना आये तो पहेली होती है।।

-


21 APR 2020 AT 8:31

मिलन की रस्में भी क्या खूब धा गयी,
पहले तपाया धरा को फिर बरसात हो गयी।।

-


17 APR 2020 AT 9:14

वक़्त गर चाहे तो आग को भी दरिया का पानी बना दे,
किसी की ख़ुशियों को किसी की बोझिल जिम्मेदारियाँ बना दे।।

-


6 APR 2020 AT 18:11

जब जब भी ठोकर लगती है,
मैं पत्थर सी हो जाती हूँ।
अंदर ही अंदर खूब चीखती चिल्लाती हूँ,
बाहर चुप मौन सी हो जाती हूँ।
नारी हूँ मैं बेचारी दुखियारी ही रह जाती हूँ।

डगर डगर लाश मैं अपनी ही बिछाती हूँ,
खुद के मज़ार पर खुद ही आँसू बहती हूँ।
ना आगे ही कुछ ना पाछे ही कुछ बस
आज आज के नाम की तसल्ली मन को दिलाती हूँ।
नारी हूँ मैं बेचारी दुखियारी ही रह जाती हूँ।

आँचल अपने फटे ही सही पर,
छाँव तुमको दिए जाती हूँ।
खुद के आँखियो को जगा जग कर
नींद भी तुमपर लूटती हूँ।
प्यार की चाहत में सब कुछ भूल जाती हूँ,
तड़प होती है एक उदासी भी जब जब
पहचान से मैं बस एक नारी ही रह जाती हूँ।
नारी हूँ मैं बेचारी दुखियारी ही रह जाती हूँ।।

-


29 MAR 2020 AT 20:04

जानते हो!
दिल रातों को रोता बहुत है ।
अपनी काया पर नही ,
अपनी किस्मत पर भी नही ।
लड़की होना उसी की जिंदगी पर सितम ढाता बहुत है ।
उसकी जिंदगी पर सितम ढाता बहुत है ।।

-


26 MAR 2020 AT 23:35

आज कल वो भी घर रहने की हिदायत दिया करते हैं,
जो कल को मुझे निकम्मा समझा करते थे।।

-


Fetching Harshita Yadav Quotes