Dear brother,
Pahle mai shuddh single tha fir
mausi ne kaha ki YQ pe Ashish
ko follow karo aur unki shayri
ka screen shot lekar (dhyan
rakhna ki name na aaye unka)
whatsapp aur instagram pe
status lagao. Aaj mere pas
teen girlfriends hain...
Thank you very much Dost.
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I am what you expect...sweet, simple and supportive.
I am j... read more
हर पल रहते थे जो हमारी नज़रों के सामने ,
आज उनके एक दीदार को तरस जाते हैं।
कभी लग कर गले रोए थे खूब हम दोनों,
याद आते हैं वो दिन तो नैन बरस जाते हैं।
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एक अरसा गुज़र गया है शायद अपनी मोहब्बत को,
पर तेरी याद में मै वो पुराने खत आज भी पढ़ लेता हूं ।
जब कभी दिल होता है बेचैन तुमसे बात करने को,
देखता हूं तेरी तस्वीर और खुद से ही बात कर लेता हूं।।
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कुछ इस तरह से शुरू हुई थी हमारे इश्क़ की कहानी,
कि अपनी सादगी से वो मुझे इस कदर दीवाना कर गई ।
गुज़रता था हर बार उनकी गलियों से उनसे बात करने को,
हुआ ऐसा कि एक रोज़ वो मुझसे मिलने का वादा कर गई।
उनसे मिलने की बेताबी का आलम कुछ इस कदर था,
कि सोचते सोचते वो ख्वावों वाली रात भी कट गई ।
सोए हम भी नहीं रात भर और करवटें वो भी बदलते रहे,
पहले मिलन की आस हम दोनों को पागल कर गई।
उन्होंने इस क़दर बयां की अपने हसीन इश्क़ की दास्तां,
फिर तो बस हर वक़्त उन्हें देखने की आदत सी पड़ गई।
शायद ख़ुदा को कुछ शिकायत हो गई थी हमारे इश्क़ से,
फिर एक रोज़ मुझे उनसे बिछड़ने की जरूरत पड़ गई ।
-Sachin
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दिल ने बहुत रोका पर मुझे उसकी कहानी लिखनी पड़ी,
करती थी जो जन्मों तक साथ निभाने की वो सारी बातें,
उनके फरेबी इश्क़ की कहानी अपनी जुबानी लिखनी पड़ी।
उनके इश्क़ के जाल ने मेरी रूह तलक को छू लिया था ,
पता चलने पर मुझे मोहब्बत उनसे जिस्मानी करनी पड़ी ।
शायद बहुत घमंड था उनको अपनी खानदानी दौलत पर ,
देख उनके तेवर मुझे बातें उनसे खानदानी करनी पड़ी।
इश्क़ के खेल में आज तक मुझे वो जोकर समझती रही,
देख उनकी नापाक हरकतों को मुझे उनसे बेईमानी करनी पड़ी।
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मेरी हालत ये मेरे हालात बता रहे हैं,
मुझे आजकल मेरे अपने सता रहे हैं।
संजो कर रखे थे जिनके लिए सारे सपने मैंने ,
गैरों से मिलकर वो मेरे मरने की साज़िश रचा रहे हैं।-
नींद भी नीलाम हो जाती है दिलों की महफ़िल में,
किसी को भूलकर सो जाना इतना आसान नहीं होता।
एक अरसा बीत जाता है सच्ची मोहब्बत को पाने में,
क्योंकि हर किसी पर ख़ुदा इतना मेहरबान नहीं होता।
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आज फ़िर मेरा उनकी गलियों में जाना हुआ ,
फिर नज़रे मिली और फिर वही अफसाना हुआ।
आंखे तरस गई थीं उनसे एक अदद मुलाक़ात को,
आज फ़िर मै उनकी बेबाक अदाओं का दीवाना हुआ।
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मोहब्बत हमने उनसे कुछ इस क़दर निभाई है ,
रातों को सपनों में बस उनकी ही तस्वीर पाई है।
आदत सी हो गई है अब उनके बग़ैर न रहने की,
हर अक्श में अब तो दिखती उनकी ही परछाई है।-
ना जाने क्या हुआ कि हमारा दिल अब हमारा नहीं लगता,
तुझे मुस्कुराते देखने से अच्छा और कोई नज़ारा नहीं लगता,
कर लिया करता था मै भी तन्हाई में चांद से बात अक्सर,
यकीनन, अब तो वो चांद भी मुझे तुझसे प्यारा नहीं लगता।
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