मैं तुम्हें गुलाब नही दूंगी
दूंगी कई नीम के पौधे
जो वक्त के साथ मुरझाएगें नही
सिर्फ बढ़ेंगे
प्रेम की तरह
मैं नही दूंगी तुम्हें कुछ क्षण की खुशबू
दूंगी शीतल सदाबाहर छांव
जो रहेगी मेरे बाद भी
तुम्हारे बाद भी
हाँ, एक दिन समझ जाएगी दुनियां
बदल देगी प्रेम के प्रतीको को
कर लेगी सृष्टि से प्रेम
ये दुनिया
एक दिन।-
तू है मीठी Dairy Milk जैसा ,🍫
और मैं ठहरा कड़वी नीम जैसा।। 🌿-
सूकून देने वाली वो धूप अब जला रही है,
लगता है कि इस बार गर्मिया जल्द आ रही है !!-
Kuch Is Taraha Hum Khud Ku Samjate Rahe,
Metta Paan Samaj Kar Neem Ki Patiyon Ku Chabate Rahe....-
एक दफ़ा मैंने तेरे इश्क़ का जो नीम चख लिया,
कहते हैं इसके बाद कोई दवा नहीं लगती..-
पिता के प्यार की छाया ,नीम सी महसूस होती है
जो दूर हो जाए ये छाया , जिदंगी भर जिदंगी रोती है
-
कुछ लोगों की बातें कड़वी लगे,
फ़िर भी सुन लेनी चाहिए।।
नीम कई मर्ज की दवा है जनाब।-
जैसे गर्मी में
नीम की ठंडी छांव तले
गिरती है
निंबोलिया,
वैसे ही
दुख की धूप में
कविताएं
बनती है हमारी
सहेलियां।-
क्यों हो उदास बरखुदार, लेखनी से घोलो मिठास,
हम भी चखे तुम भी चखो , होते किताबों के पकवान खास-