ना वो इजहार कर पाई,ना वो इनकार कर पाई।
इश्क में बदनाम थी वो जनाब,
कत्ल महबूब का अपने वो सरेआम कर आई।
-rajdhar dubey-
Q khafa na ho aaina
mere husn ke Deedar se
Bhala aj se ye shakal
mere Mahboob ke hirasat me jo rahegi ...-
Suna hai
Wo shaukeen hai churiyo'n ki ,
Soch raha hoon tohfe mein usko
Churiya'n bhejoon ..!-
حد سے سوا ہیں آج دل کی بے چینیاں یہ سوچ سوچ کر
نہ جانے کس ادا سے اسنے نئے محبوب کو گلے لگایا ہو گا❣️
had se Siva hai aaj dil ki bechainiya ye soch soch kar
Na Jane kis ada se usne naye mahboob ko gale lgaya ho ga,
✍️رائٹس۔ناعمہ اصلاحی
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मुकम्मल हो ही गयी
आखिर आज ज़िन्दगी की ग़ज़ल
मेरे महबूब ने भी उसको पढ़कर वाह-वाह बोला है-
प्यार का जज्बा भी बड़ा अजीब है साहब ,
ना जाने क्या_क्या ख्वाब दिखा देता है ,
अनदेखे चेहरों को भी महबूब बना देता है ,
चाहे प्यार में खुशियां मिले या ना मिले ,
आंसुओं को भी जीने की वजह बना देता है,
हमारे साथ में हों भले हजारों लोग ,
किसी खास की कमी को महसूस करा देता है..!!!!-
एक हवा ही है जो जहां के किसी भी फूल (महबूब) को स्पर्श करके चली जाती है,
नहीं, कतई नहीं रोक नहीं सकते जनाब, प्राकृतिक अधिकार जो मिले हैं इसे...-
चलेगा मुकदमा आसमान में;
सब आशिको पर एक दिन,
जिसे देखो वह महबुब को;
चांद बनाने पर तुला हैं...!-