सारे जहाँ में ना होगा कहीं,
तुम सा कोई ना तुम सा हसीं।
तुम्हें देख के यूं लगता हैं जैसे
मिला बे-सहारे को सहारा कोई
तुम सा कोई ना तुम सा हसीं
मैंने तुम्हें जब से चाहा तो जाना
तुम हो तो मैं हूँ वर्ना नहीं
तुम सा कोई ना तुम सा हसीं
मैंने तुम्हें अपना माना हैं जब से
तब से मुझे खुद का होश भी नहीं
तुम सा कोई ना तुम सा हसीं
तुम मिल गए हो तो यूं लगता हैं
झरने को जैसे मिली हो नदी
तुम सा कोई ना तुम सा हसीं-
सजदे में तेरी,
ये सर झुक जाता है।
बाहों में तेरी,
हर लम्हा थम-सा जाता है।
क़बूल नहीं इन आँखों को,
नशिस्त करना किसी और का..
निगाहों में ही तो तेरी,
सारा जहां दिख जाता है।-
खुद को कैद कर लिया तुम्हारी ज़िन्दगी के दायरे में
आज भी यादो के परिंदे कैद है तयखाने में
ना मतलब दुनिया से
ना इस जहान से
खुश हैं हम तुम्हारी दिल्लगी में
हमने खुद को कैद कर लिया तुम्हारी ज़िन्दगी के दायरे में
जब चाहे खोल लेना यादो की पोटली को
आज भी महसूस करोगे उन
बीते लम्हो को ताज़गी को ।।-
तेरी बाहों में...
सिमट जाए जहांँ मेरी...
है मेरे खुदा से...
बस यही अरदास मेरी...-
ये "ज़ख़्म- ए -मोहब्बत" को "समझने" के लिए कोई "हम-जैसा" चाहिए
मैं "बदनाम" हूँ सारे "जहाँ" में पर "तुम्हें" भी तो "खिड़कियों" से देखना चाहिए-
जिंदगी में जान है तब तक
अपनों का साथ है जब तक
वरना बेजान जिंदगी से बेहतर
तो मौत है ।।।।
-SWATI PATEL-
Ankareeb Manjar Se Hatne Walaa Hun Main..!!
Mumkin Hai Aap Mujhe Dhundha Karengi Roj..!!!-
Itni muhabbat na
Kar is jahaan se....
Har cheez Jo isme
qaid hai fani hai wo🖤-
Zindagi Tere Peeche Meri Barbaad Hai
Aur Wo Kahti Hai Meri Wajah Se Saara Jahan Abaad Hai.-