तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने
सूख गया तेरा गुलाब मगर फ़ेका नहीं मैंने..!!
-
मेरे दिल का हसीन ख़्वाब हो तुम
मेरे सारे सवालों का जवाब हो तुम__
मैं जितना और जब तक लिखू तुझ पर
जो भरती नही मोहब्बत की वो किताब हो तुम__
मेरी ज़िंदगी को कुछ यूँ महका दिया है तुमने
यकीनन एक हसीन ग़ुलाब हो तुम __-
Kaanton se bachte kaise
jab
Pasand hi Gulaab tha...
कांटो से बचते कैसे
जब
पसंद ही गुलाब था...-
तेरी ग़ज़लों में छुपा हुआ इक़ राज़ हूं मैं
वैसे तो ना तेरा हमराही ना हमसफ़र हूं मैं
-
कोई पढ़ ना सके ऐसी किताब बनो तुम
रोशनी हो जिससे वो महताब बनो तुम
तोड़ने वाले अक्सर तो मिल ही जाते हैं
दिल जोड़ने वाले जैसा गुलाब बनो तुम
हर नये मोड़ पर भी नये सवालात है
हर सवाल का मुक्कमल जवाब बनो तुम-
दबा कर रखा है हमने
अपने इश्क के सैलाबों को
सुना है...
संभाल कर रखते हैं वो
किसी के दिए गुलाबों को-
"सूखा गुलाब" 🌹
मेरी पहली कविता है
दिल को छू लेने वालीं कविता
अनुशीर्षक मे पढ़े 👇-
आखिर तोड़ दिया दम
उस गुलाब ने डायरी के पन्नों में
जरूरी नहीं हर खुशबू,
खुश नसीब हो।-
लोग कह रहे थे,
आज Rose Day है।
तो मैने भी एक गुलाब
प्रकृति को समर्पित कर दिया। — % &-