"One day, you'll be proud to know me."
"I just hope that when that day comes, you know me."-
हमीं में शायद है ऐब कोई,
कि यार अब घटते जा रहे हैं
चला किए थे जो चार साये
वो चार अब घटते जा रहे हैं
(More in caption)-
I once read a book.
I didn't quite like it, then.
It ended abruptly.
Today I read it again.
It didn't feel that bad.
It reminded me of you, dear friend.
For, this time I skipped the preface.-
तुमने ही तो ज़िंदगी जीना सिखाई है,
तुम्हारे कारण ही बुरे वक़्त में भी खूब मोज़ उड़ाई है,
तुम हो तो सारे गम भी अच्छे है,
तुम्हारे बिना तो हर धागे कच्चे है
ज़िन्दगी जीने का मज़ा तुम्हारे साथ है,
वो रोड की मस्ती,
स्कूल की बालकनी ,
टिफिन बॉक्स शेयर करना,
आज भी मुझको सब कुछ याद है।।
बचपन की वो स्कूल वाली यारी ,
आज भी सब पर भारी है
स्कूल के दिनों में ज़िन्दगी जी है,
उसके बाद तो सिर्फ गुजारी है।।
-
मित्र मेरे !
बड़ी बेढब बात मेरी, भला क्या औकात मेरी
उपवनों के पारखी तुम, जंगलों की जात मेरी
बन न पाएंगे तुम्हारी कल्पनाओं के मुताबिक चित्र मेरे|
मित्र मेरे,
कुछ लुटेरे, कुछ भिखारी
मिट रही है ऊर्ध्वगामी वृत्ति की पहचान न्यारी
प्रश्न उठता हर दिशा से,
किसलिए संकल्प ढोएं सब विकल्पों के पुजारी
इसलिए यह जानने से अब न कोई फर्क पड़ता
कौन मित्र, अमित्र मेरे
मित्र मेरे”।-