Focus on 'Verbs',
'Adjectives' will Follow.-
And then one day,
She took her spectacles off.
Her eyes got blurred.
Mine, never felt so focused.-
No Distraction
सीधे चले जनाब
न जाए दया न बाया
क्योंकि अभी तेरे आगे है,
समय का साया।-
बस दो कदम और
माना आज दर्द है, तकलीफों का।
कही ही हुई हर बात का, इन लोगों का।
जब मंज़िल पास हो, कहाँ इन गमों की फितरत है।
बस दो कदम और, मंज़िल की ओर बढ़ने की जरूरत है।
कुछ अच्छा है, तो पाने में क्या हर्ज़ है।
मंज़िल सामने हो, तो मेहनत आपका फर्ज़ है।
जहाँ कामयाबी का शोर हो, कहाँ गमों की मोहलत है।
बस दो कदम और, मंज़िल की ओर बढ़ने की जरूरत है।
थोड़ा वक्त लगेगा, दुखों को भुलाने में।
क्यों वक्त दें दुखों को, फिर से आज़माने में।
दुखों को छोड़कर, थोड़ी मेहनत की जरूरत है़।
बस दो कदम और, मंज़िल की ओर बढ़ने की जरूरत है।
सोचो जब कामयाब होंगे, कितनी खुशी होगी।
जहाँ खड़े होंगे, लोगों की महफिल वहीं जमी होगी।
सपना तो देख लिया, बस सच कर दिखाने की जरूरत है।
बस दो कदम और, मंज़िल की ओर बढ़ने की जरूरत है।
Pritam Singh Yadav
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In our day to day life most of the time we focus on things that we don't want.
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