मैने सवाल किया कैसे जियोंगा तेरे बगैर,
उसने जवाब दिया जैसे में जियोंगी तेरे बगैर
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Na Jane kin rasto pe, akela mai ja rha hu
Eid tumhari hai, aur sevai mai kha rha hu.-
मैं इस ईद सुन्नत ऐसे भी निभाऊंगा,
गले ना मिल के मैं दिल मिलाऊंगा !!
میں اس عید سنت ایسے بھی نبھاؤں گا..
گلے نا مل کے, میں دل ملاؤں گا !!-
ना जाने किस शहर के आसमाँ में है तू
गुमगश्ता घर क्यों नहीं आया
अगर तू मानता है के तू ही चाँद मेरा
तो बता, ईद पर क्यों नहीं आया-
बेवफ़ाई, गुस्सा , गिला, नफरत जो कुछ है
एक दिन सब तेरी आँखो से बरसेगा।
और तू तड़पा लें जितना तड़पाना है तुझे,
एक दिन तू भी मेरे दीदार को तरसेगा।
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With the millions of happiness in their hearts....
when Imran and Amrita by holding their hands awaiting for the Chaand last night.........
Amrita shouted : "Eid Mubarak" by looking at Chaand in the sky.....
Imran replied :"Eid Mubarak " by glancing at his Chaand (Amrita)....-
मुबारक नाम है अल्लाह का,
मुबारक हो बकरा ईद तुम्हें,
जिसे तुम देखना चाहों उसी के
दीदार हो तुम्हें, ईद मुबारक!!-
मोहब्बत का त्यौहार है साहब
मोहब्बत से मना लेने दो,
तोड़ दो नफरतों की दीवार
मकान को घर बना लेने दो।
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Eid ke din wo Gale lagkar kehne Lage!!
Ye Sunnate hai , ise mohabbat na Samajh Baithna...-
हर त्यौहार के साए से डर लगता है।
धर्म गुरुओं की राय से डर लगता है।
ऐ सियासत! हमें तेरी मेहरबानियों से,
कभी बकरे तो कभी गाय से डर लगता है।-