ना हिंदूऔं से, ना मुसलमानों से।
ना गीता से , ना कुरानों से।
ना मंदिर की आरतियों से,
ना मस्जिद की अजानों से।
ना खुद अपने ही खुदा से,
ना औरों के भगवानों से।
ना नए साहिब-ए-मसनद से,
ना सत्ता की पुरानी दुकानों से।
तकलीफ देखकर है लेकिन
सरहद पर मरते जवानों से,
और खेत में मरते किसानों से।-
पत्थरों में कहांं ढूंढे, घर में तेरे दुर्गा है।
प्रतिमा में दुर्गा नहीं, प्रति मां में दुर्गा है।-
मीठा हो या कड़वा हो, अनुभव बनाना होता है।
आगे बढ़ने के लिए पिछला पांव उठाना होता है।-
अजब ज़ंग है , अजब लड़ने की जरूरत है।
अलग होकर आज साथ होने की जरूरत है।-
प्यार के इस त्योहार को ,
कुछ ऐसे हमने तोल लिया।
उसने चांद का इंतज़ार किया ,
मैंने सूरज देख के व्रत खोल लिया।
😜-
पीने को तो हम भी पी लेते जाम मगर,
ऐसा करना उनकी आंखों की तोहीन होगी।-
धर्म के नाम पर देश में हो रहा दुष्प्रचार है।
नेताओं के वक्तव्यों में खो रहा शिष्टाचार है।
एक तरफ तानाशाह दूसरी तरफ भ्रष्टाचार है।
मेरे देश का मतदाता आज बुरी तरह लाचार है।-
यह मायने नहीं रखता की आप गीता में कहां तक पहुंचे हो ,
यह मायने रखता है की गीता आपमें कहां तक पहुंची है।-
मन में मंज़िल पाने की ललक तू बेकरार रखना।
आसमान छू जाने की सनक तू बेशुमार रखना।
लगता है जौहरी को भी वक्त हीरा परखने में,
मेहनत से अपने फ़न की चमक तू बरकरार रखना।-
सोचते कुछ हैं और कुछ और हक़ीक़त में होता है।
साया भी साथ नहीं देता जब तू गरीबत में होता है।
यूं तो कहते हैं सभी लोग के हम हैं तेरे साथ,
साथ होता है वही जो साथ मुसीबत में होता है।-