Akash RAhi   (✍️राही आकाश...)
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Joined 22 March 2020


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Joined 22 March 2020
11 NOV 2023 AT 9:35

तंग गलियां,
सुनसान रास्ते,
सपनों का शहर,
उम्मीद के वास्ते।

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17 AUG 2022 AT 0:59

जातिवाद बैठा मार कुंडली,
मैं जाऊं तो कहां जाऊं।

हर घर में है अब मनु बैठा,
मैं इतने अम्बेडकर कहां से लाऊँ।

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3 AUG 2022 AT 22:28

सजाया था जिसे अपने हाथों से
आज उसी दीवार को बिखेरा है,

बस अंतिम शाम थी तेरे नाम,
अब कल कहीं और सबेरा है।

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28 JUL 2022 AT 21:54

❤️खिलौना है साहब खिलौना,
अच्छे  से  खेला  जा सकता है।

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23 JUL 2022 AT 21:31

साहब भीड़ बहुत है यहां अपनो की,
पर मेरा कोई नहीं।

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21 JUL 2022 AT 22:41

अब दिशा नहीं राही
दशा बदलने की जरूरत है।

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16 JUL 2022 AT 20:36

बहुत मीठे होते हैं लोग
बातों से।

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22 JUN 2022 AT 23:09

छोड़ना पड़ता है

एक जहाँ को,

एक जहाँ के लिए।

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9 APR 2022 AT 21:39

मुखातिब हो लेंगे फिर कभी,
अभी बस रंजिशें रहने दो।

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24 MAR 2022 AT 22:27

बेहद हसीन था वो शक्स..परदे में।

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