तेज आंधियों में भी जो ना बूझे,
वही अलाव जल रहा है....
हमसे पूछो मत,
अंदर कौन सा चिराग जल रहा है....
तारों से टिमटिमाते सपने मेरे,
अंदर सूरज सा प्रकाश जल रहा है....
हकीकत रहा ही नहीं कुछ,
अंदर ख्वाबों का मशाल जल रहा है-
23 OCT 2021 AT 16:27
15 OCT 2021 AT 17:39
जब कभी ज़िंदगी बगावत करने की हिमाकत करे
तो युद्ध-ए-घमासान लिख देना,
अगर lbsnaa से मोहब्बत हो जाए
और दिल कागज़ पे इश्क़ उतारना चाहे
तो इश्क़-ए-जहान लिख देना....-
14 APR 2020 AT 8:52
मंजिल अपनी ख्वाबों में कितनी खूबसूरत लगती है
एक बार हक़ीक़त में मिला दे खुदा !
हमे उसकी नजर उतारनी है ..-
26 FEB 2021 AT 23:19
बहोत कुछ खोया है मैंने सिर्फ तूझे पाने के लिए.....
अब तू भी ना मिला तो हम खुद को ही खों देगे....-
14 APR 2020 AT 9:46
गुलाब है तो काटे भी है
दिन है तो अंधेरी रात भी है
मंजिल है तो बन्द रास्ते भी है
सफलता है तो सालो का संघर्ष भी है-
11 JAN 2021 AT 18:39
ख्वाबों का कारवां चल पड़ा है दोस्तों
ज़रा इन्हें मुकम्मल कर हम खुद को तसल्ली दे...-
19 SEP 2020 AT 17:56
सपना हमेशा बड़े से बड़ा देखो दोस्तों
चाँद नही भी मिला तो क्या हुआ आसमान
तक तो पहुँचोगे-
23 JAN 2021 AT 8:58
Humari hi nahi auron ki zindagi bhi badal jayegi, jab kandho par sitaron wali vardi ayegi..!!
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