मां से ज्यादा जिसे फिक्रमंद देखा अपना गम छुपाते बच्चों के लिए मुस्कुराते देखा प्रेम को बताते नहीं बस हर वक्त जताते देखा ईश्वर तेरे स्वरूप सा ही मैंने "पिता" देखा.... ❤️
उदासियां भी नहीं पूछती है उदास होने की वजह तनहाई को भी तन्हा रहने की आदत हो गई है तुम छोड़कर गए हो जब से इस दिल को मुस्कुराहट को भी मायूस होने की आदत हो गई........
तुम अपने गमों से कह दो आकर मुझसे मिले.... मैं अपनी खुशियों से उन्हें खरीदना चाहती हूं.... तुम्हारी सारी उदासीयों को अब मैं अपनी मुस्कुराहट से बदलना चाहती हूं.......
मनमानीया और जिद्दीपना छूट जाता है लङकपन और बदमाशियां छूट जाती है बेटीयाँ जब विदा होती है....... सिर्फ मां बाप का साथ हि नहीं छुटता जिंदगी की सारी नादानियां छूट जाती है....
मनमानीया और जिद्दीपना छूट जाता है लङकपन और बदमाशियां छूट जाती है बेटीयाँ जब विदा होती है....... सिर्फ मां बाप का साथ हि नहीं छुटता जिंदगी की सारी नादानियां छूट जाती है....