रश्मि ♥️   (Itz_‌रश्मि🖤)
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Joined 22 January 2021


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Joined 22 January 2021
16 OCT 2023 AT 5:51

दूर किनारौं से सुन आया वो...नीर के बह जाने की ख़बर
तेरी अपनी लहर थी वो...जिसके दामन में दाग देख आया तू,
मैं पूछती हूँ; ऐसे कैसे बहक आया तू?

ला सारा संसार यहां, आ फिर बैठ बात करें;
रख दे दर्पण!...जहां दाग दिखे तो रिश्ता आजाद करें।
जुड़ा जब मेरे साथ था, तो फिर अकेला हक कैसे पाया तू?
अरे! मै पूछती हूँ; ऐसे कैसे बेहक आया तू?

दुआए मेंरी!...जो जन्मदिन तेरा आऐगा,
मेरा अधूरा तोहफ़ा धरा का धरा रह जाऐगा।
ना मंजूर मुझे ये इश्क ...ना मंजूर ये दुहाई,
दाग वो.... जिसे भर ना सकी मेरी गवाही।
मेरा कुसूर ? या मैं गवाह ? नाप-तोल न बिठा पाया तू,
मैं पूछती हूँ; ऐसे कैसे बेहक आया तू?
🖤✉️🖊

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16 OCT 2021 AT 10:31

जब-जब सोचा आज baat पूरी होगी
उस रात बात शुरू तक nahi हुई!

Mood के गुलाम थे वो जनाब ..बात नहीं
पर झगड़े की suruaat ज़रूर हुई!
🌚💯

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11 OCT 2021 AT 18:18


वो जो हंसते-हंसते भी रोना सीख गया था..,
अब वो रोते-रोते सहना भी सीख गया है!
मामूली बात नहीं है जनाब...
वो जो कभी शांत हुआ करता था;
आजकल बातों में वो भी अर्ज किया करता है!
💛🥀

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10 OCT 2021 AT 10:47

Yes...!
she had ever sacrifice sleep just to talk to someone.

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3 OCT 2021 AT 3:20

I want "JITU BHAIYAA" in my current position of life! 🤧😌

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1 OCT 2021 AT 4:38

छोड़ देंगे हम सब कुछ ,
पर अपने ख्वाब को छोड़ना;
हमसे ना हो पाएगा!
🖤🥀

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30 SEP 2021 AT 10:00

मैं चाहती हूं ,उसे भी खबर हो
कि मैं बीमार हूं !
वो सोचते हैं, कि हम खुश हैं
इस खुशहाली में!
जनाब;
पहले तो आदत थी
रात बातों में गुजारने की...;
अब जरा मैं जल्दी सो जाती हूॅं !
🖤🥀

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27 SEP 2021 AT 19:54

ले चली तू जिंदगी मुझे दूर कहीं।
वहां कहीं जहां जिंदगी अब तू ही नहीं!
तलाश में रहता है मुसाफ़िर-ए-मंजिल उसकी
जहां जिंदगी रहे, जिंदगी की ख्वाहिश नहीं!
🖤🥀

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27 SEP 2021 AT 6:42

Rowan Atkinson (Mr. Bean) once said "~never beg for a friendship or a relationship with anyone~". If you don't receive the same efforts you give, cut them off. 🔥🥀

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22 SEP 2021 AT 21:06

जब अंधियारे कमरे में जलती रोशनी
आंखों में चुभन करती है;
तभी का चक्र है, ये जहां रूह भी
जिंदगी के एक सवाल के लिए तरसती है!
दरिया बनी चलती ये ज़िंदगी ...
कभी-कभी तो समझदार को भी ले डूबती है।
अनचाही खुशी मिली हैं बहुत सी,
पर यहां शिकायत भी है जिंदगी से!
शांत रहे जुबा जब अपनी;
तो कमबख्त कलम बोल उठती है..!
अपनी जिंदगी से ज्यादा मुझे तो ;
वो लंबी नींद प्यारी लगती है....!
🖤🥀

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