Arti-
कभी दुर होंगे ,तो कभी पास होंगे
पर यारा हम हमेशा तेरे साथ होंगे ।-
कभी आसमान को ज़मीन से मिलते नहीं देखा ,
पर दोनों को मिलाता एक फरिश्ता देखा है ।
"बारिश"-
अपने खिड़की से मैने एक दृश्य देखा ,
एक पिता को अपने नन्हें बच्चे को ,
आसमान में उछालते देखा ।
उसकी खिलखिलाहट देख , उनके
कमर दर्द को भाग जाते देखा ।
एक मां की मुस्कान को आज मैने ,
आसमान को छूते देखा ।
ऐसी ही थे ना !! हम भी कभी ,
हवाओं की गोद में खेले थे कभी ।
" बचपन "
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माना खामोशी तुम्हारी फिदरत है ,
लफ्जों की मुझे बहुत जरूरत है ।
कशमकश की अाई ,आज आंधी है ,
उसमे भी कहानी सिर्फ तुम्हारी है ।
कभी तो मन भर के बोल लिया करो
दिल की यही तो एक नाराजगी है ।
लम्हा- लम्हा तुम्हे ही खोज रहें है ,
ना जाने कैसी ये जिंदगानी है ।
-Arti
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फ़ुरसत में कभी बरसात की बूंद देख ,
बूंदों में कभी तो अक्स मेरे देख ..!!!
मुस्कान के पीछे जो छिपा रखा है ,
कभी तो उन अश्कों को खोजकर देख !!
महफिलों के शोर में कभी तो ,
तू खामोशी मेरी देख ..!!
-Arti
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My eyes clicked you
and the image formed
at the retina .
Then the mind saved you
in long term memory .
Now , the mind wants to
delete you .
But the heart never let
the mind to do this ..!!!
#World Photography Day-
तारे थे हम तेरी दुनिया के ,
क्या फ़र्क पड़ता है ,
जो हम टूट गए ।
काफिलें जुड़ती रहेंगी
तेरी महफ़िल से ।-