चकाचौंध ए शहरिया के हमके अब बेकार लागेला
कुल शहर से त बढ़िया हमके गऊंवा हमार लागेला
ऊहवा त काकी औ भऊजी सब आपन ही रहली ह
ईहवा त आंटी बोलला पर भी सबके अछार लागेला
पहिनऊआ से हमके अक्सर नासमझ समझल जाला
तबो जीन्सवा से बढ़िया त हमके सूट सलवार लागेला
पिज़्ज़ा बर्गर के दीवाना त हर शहरिया में मिल जाले
बाकी सबसे स्वादिष्ट त लिट्टी चोखा अचार लागेला
हर सड़किये पे बनल बड़हन शॉपिंग मॉल बा इहवा
तबो याद हमके रोज़ अपने गाउंवा के बजार आवेला
होला जश्न त यहाँ भी धूम धाम से होली दिवाली के
बाकी दोस्तन के बिना त फीका हर त्यौहार लागेला-
सावन में सजनवा मूहँ फूला के बैठे है
सखी कोमल करेजवा को सता के बैठे है
माने न कहनवा बड़े कठोर बलम है जी
बरसात में भी हमको जला के बैठे है
शाम होने को है न आया अंगनवा में चांद
बहुत देर से हम खुद को सजा के बैठे है
जरा देखिए न जाके फलनवा के अंगना
कही किसी सौतन को गले लगा के बैठे है-
घरे के ख़ुशियाँ तमाम बनिके
सावन के बौछार बनिके
छठी मैय्या अईहे घरे हमरा
हमरो प्रार्थना स्वीकार करिके..
सभ्भे सारा रिश्ता में प्यार बनिके
माई के दुलार बनिके
छठी मैय्या अईहे घरे हमरा
हमरा पे उपकार करिके..
रंग अहां हजार बनिके
सुंदर सुंदर रंगोली के पुरस्कार बनिके
छठी मैय्या अईहे घरे हमरा
हमरो सपना साकार करिके..-
पत्नी- सुनिए बलम जी हमार एगो बतीया
नही लगे दिन ठीक नहीं लगे रतीया
ले चलिए साथे हमको भी कार में
झुमका खरीदना है पटना बाजार में
पती - खरीद देंगे झुमका पर है परेशानी
व्यपार में घाटा इस बार हुआ है मेरी रानी
मत करीये गुस्सा कर लिजिए प्यार जी
चलेंगे झुमका खरीदने पटना बाजार जी-
जहाँ चारा माल-जाल नाहीं
नेतवे सब चरि जाला
जहां देशवे के नेतवा
लोगन के भरकावेला
जहां देशवे के लोगवा
देशे के नोकसान पहुंचावेला
जहां देशवे के लइकन
देशे के टुकड़ा-टुकड़ा करे के
नारा लगावेला
जहां देशवे के सिपाही
दुसमन से मिल जाला
जे देशे लइकी पूजे जाला
उहे देशे लइकी जलावे जाला
*****Read in caption*****-
तोहरा माटी से जन्म लेहनी,
फिर तोहरा मटिए में समा जयिब,
ए गंगा मैया,तू ही बतावा,
अब इहा से जाईब तउ कहा जयिब।।-
पहाड़ पर रह कर तप करना सरल है,लेकिन परिवार में सबके बीच रहकर धीरज बनाये रखना कठिन है..
और यही तप भी है-