एक स्कूल शिक्षा से सीखिए जीवन में, आप पढ़ने वाले विद्यार्थी है आपके साथ स्कूल में नया मित्र बना जो बहुत पढ़ने मे अच्छा था, टॉपर था आपकी मित्रता अच्छा रही, और आप उसके साथ हाफईयरली एग्जाम दिए और आप पहले से बेहतर प्रदर्शन किए,पर वो स्कूल के कुछ मित्र छूटते चले गए, अचानक एक दिन आपके दिमाग में बात आई कि सारे मित्र छूट गए क्या करे ,आप पुनः उन के पास गए और फिर आप दोनों तरफ की दोस्ती में रहने लगे एग्जाम फाइनल हुई रिजल्ट आई और आपके मार्क्स कम आए। यहां सोचना ये है कि, आखिर छे महीने में रिजल्ट आया अच्छा रहा, सब ने तारीफ की ये छे महीना में मेरा रिजल्ट खराब रहा क्या कारण है। यदि कारण समझ आ जाए तो आप पुनः उसी मित्र के पास लौटिए और साथ रहिए। ठीक जीवन में भी ऐसे ही सिख लेनी चाहिए अपने पूर्व में सोचिए हम कैसे रहते थे तो क्या होता था,,, आज कैसे है तो क्या हो रहा है।। और निर्णय लीजिए चुकी स्कूल में आप कई एक बार एग्जाम दे सकते है पर जीवन में में नही वो चलता रहेगा।।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामना।-
(समाजसेवक), छात्र नेता ,रोहतास बिहार..
आप हम से इंस्... read more
आदमी मुर्दे को पूजता है, अस्थियां पूजी जाती हैं। राख पूजी जाती है। लाशें पूजी जाती है।और तिरस्कार होता है, जीवंत आत्मा का।।
आदमी अदभुत है।-
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ़ दामन वाले,
कफ़न उन्हें भी सफ़ेद ही मिलता है जो शख़्स दाग़दार है ll-
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ़ दामन वाले,
कफ़न उन्हें भी सफ़ेद ही मिलता है जो शख़्स दाग़दार है ll-
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ़ दामन वाले,
कफ़न उन्हें भी सफ़ेद ही मिलता है जो शख़्स दाग़दार है ll-
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ़ दामन वाले,
कफ़न उन्हें भी सफ़ेद ही मिलता है जो शख़्स दाग़दार है ll-
जैसा व्यवहार हम दूसरों से अपने लिए नहीं चाहते वैसा व्यवहार हम दूसरों के साथ तो नहीं करते ?
जैसे उपदेश हम आये दिन दूसरों को करते रहते हैं वैसे आचरण अपने है या नहीं ? ऐसे अपने आप से पूछने और सही उत्तर पाने की चेष्टा की जाय तो, घमंड आपका मुट्ठी में हो जायेगा, आवाज आपकी धीमी हो जायेगी, कर्म में परिवर्तित हो जायेंगें।-
बैठ कर कभी गंभीरता से विचार कीजिए...
हमेशा खाना खत्म होते और भूख मिटते ही थाली गंदा हो जाता है न । यही हमारी निजी जीवन में भी है।।
पर थाली को धोआ कर उसी बर्तन में रह जता है, और इंसान एक एक दिन कर के मौत के करीब मौत से पहले पहुंच जाता है।-
जिनके अन्दर हम होता है उनका सबसे पहला चीझ जो खराब होता है वो होता है जुबान, वो व्यक्ति ना खुद और नाही सामने वाली की अतीत देखता नहीं भविष्य देखता बस वर्तमान की स्थिति देख कर अपने जुबान से ना जाने कितने रिश्ते के बीच दरार कर देता है, उसके अन्दर का हम उस व्यक्ति के साथ साथ एक पूरा परिवार को बर्बाद कर रहा होता है पर समझ थोड़ा भी नहीं आता। ये बाते मेरे व्यक्तिगत अनुभव है कि कभी बैठ ईश्वर के सामने खुद को झांकिए , खुद से पूछिए, सोचिए बिचारिए और ऐसे आपके अंदर हम है तो सभी वर्ग के लोगों से अपील करूंगा बस थोड़ी स्थिति में किसी को गाली, अभद्र ना बोले अतीत, वर्तमान,और भविष्य देखते हुए कुछ ऐसे रिश्तों को जरूर बचाए जो आपके उस समय काम आवे जिस समय पूरी दुनिया मुंह मोड़ लेती है।
-
जवाब छोड़े हैं समय के हवाले
मैं तो मौन हूँ,
आदेश मिलने दो युद्ध का संसार स्मरण रखेगा
मैं कौन हूँ !!-