मेरी चौखट पे खड़ी ज़िन्दगी,
इक नाकाम शायर सी, पूछती मुझसे,
ये जो तन्हाई की शामें है,
कहीं, तकल्लुफ तो नहीं देती ?
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सहनशीलता,क्षमा,दया को,
तभी पूजता जग है,
बल का दर्प चमकता उसके,
पिछे जब ... read more
कुछ इस तरह से हम,
दिल ए मासूम को बहलाते रहे,
अंधेरा तो दिलों में था गालिब,
हम घरों में ही दीपक जलाए रहे।।-
बदलती होगी मौत,
तू हर पल निवाले अपने,
ये ज़माने है "राहत" के ,
ये बदला नहीं करते।-
वो सख्श जिसने उम्रें गुज़ार दी,
मुख्तसर झोलिया भरने में,
जब मौत से रूबरू हुआ,
तो नंगे हाथ बनारस आ गया।।-
किताबें पढ़ी कुछ ज़िन्दगी की,
कुछ सफर का मज़ा भी लिया,
ऐसे भटके इन गलियों में,
साला,हम भी बनारस हो गए।।
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The dark corners of the room heels you the best & the same follows for life too♥️
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मौत तब तक ज़िन्दगी से खूबसूरत लगी,
जब तक अपनों कि आखों में आंसू न थे।।-
Hey guys,
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The saddest souls
always lie behind
those evergreen
smiling faces.-