कितना मासूम है दिल उसका,
वो रो पड़ती है बस मुझे उदास देखकर!
कितना सच्चा है प्रेम उसका,
वो नींद से उठ जाती है बस मैं भूखा हूँ ये सपना देखकर!
कितना करुणामयी है मन उसका,
मेरे पास बैठ जाती है बस मुझे सोचता देखकर!-
कबतक जिस्म को नोचेंगें ये हराम के पिल्ले,
ठोक दो इनकी हवस से लिपटी जिस्म पर हज़ारो कीलें।
मर जायें तो भी इनकी लाशों को माफ ना करो,
जिस्म के हर बोटी नोचकर उस मासूम का दर्द
इन चारों हरामियों को एहसास दिलाओ।-
She Beats me whenever
I irritate Her
She answer my all silly
questions happily
She is like Another
World for me
She is My Best Friend
Yes, I Love Her
She's My Dear Sister ❤️-
मोहब्बत में कितने गीत लिखे हैं हमने
पर जन्मदिन का यह गीत तुम को समर्पित
वैसे तो दिन कितने कटते मुश्किलो से
पर आज का यह दिन तुम को समर्पित
दूर हूं मैं तुमसे बेशक ओ बहना बहना
पर आज की बधाई तुम को समर्पित
भगवान से रोज क्या-क्या मांगता हूं
पर आज की दुआ तुम को समर्पित
वैसे तो रोज मोहब्बत लिखता हूं मैं
पर आज का यह गीत तुम को समर्पित
जन्मदिन की ढेरों बधाई हमेशा खुश रहो
-
जिस घर पे मैंने बचपन देखा,
जिस आँगन पे मेरा बचपन खेला,
अब उस घर-आँगन को, छोड़ने का वक़्त आ गया है,
मैं चिड़िया हूं ना, मेरे उड़ने का वक़्त आ गया है,
ओ मेरी प्यारी माँ और प्यारे पापा,
ओ मेरी बहना रानी और भैया राजा,
चली जाऊँगी आप सब को छोड़ कर,
सारे रिश्तें को अपने दिल पे रख कर,
मैं इस घर की बिटिया हूँ, इस आँगन की चिड़िया हूँ,
एक दिन तो मुझे उड़ना ही था, अपने घर परिवार को छोड़ना ही था,
जा रही हूँ अपने ससुराल, दिल में रख कर कई सवाल,
क्यों मायका नहीं होता बेटी का घर,
क्यों उसे जाना पड़ता है सबकुछ छोड़ कर,
लेकिन यही रीत सदियों से चली आ रही है,
अपने घर को छोड़ कर, एक बेटी फिर से जा रही है,
ख़्याल रखना मेरे अपने सारे, याद आएँगे इस घर के चाँद-तारे,
अपने घर की दहलीज़ को पार कर के, इस घर की यादों को दिल पर रख के,
अब आप सब से दूर जाने का वक़्त आ गया है,
एक बेटी हूँ ना, मेरे उड़ने का वक़्त आ गया है...-
बिल्कुल मां के जैसी है तू या मां की परछाई है
पाया है तुझे बहन के रूप में तो लगता है जैसे चांदनी घर मेरे आई है।
है्पी बर्थडे छोटी 😊😊😊🎂🎂-
सारी दुनियां की ख़ुशी एक तरफ़
और अपनी बहनों को परेशान करने की
ख़ुशी एक तरफ़ है.-
जिसे पाने को यहाँ भगवान भी लेते हैं अवतार
इस जग में हैं अनमोल भाई बहन का प्यार।
वो ख़ुशनसीब हैं जिनको मिलता हैं ये उपहार
सब करते हैं विनती मिले उनका साथ हर बार।
स्नेह प्रेम आशीष से जुड़ा रहता हैं रिश्तों का तार
पा के बहन आते हैं भाई में अनगिनत संस्कार।
उनके दुआ से खुशहाल रहता हैं सबका घर-वार
शुभ आशीष देने वाली बहन कि हो वंदना हर-बार।-