अब मैं वैसे भी रहकर क्या करूंगा यही मन की शांति के लिए चला जाऊंगा कहीं
दुनिया की बातें अब गले उतरती नहीं मेरे
कोई जगह जिंदगी मौत से दूरचला जाऊंगा वहीं-
क्या पता कल हो न हो
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इश्क में कितनी दफा कुर्बानी दी
पर कमबख्त ईद की तरह कुर्बानी खाली जा रही है
हम उनसे निकाह -ए -इश्क करना चाहते हैं
और उनकी हां के बिन हमारी जवानी खाली जा रही है-
खुशी का राज पूछते हो रोने का कारण भी पूछा करो
साथ नहीं दे सकते कोई नहीं कुछ बात तो किया करो-
कॉल करें उनको तो वह फोन नहीं उठाते हैं
अगर पूछे उनसे तो हमारा नंबर बंद बताते हैं
अरे वह तो बहुत बड़े ही समझदार हैं साहब
हमारे मन की बात वह हमें ही समझाते हैं-
सारे काम हम खुद करते उनको क्यों तंग करते
हम ख्वाबों में सोचते क्या-क्या उनके संग करते
जिस राज को उजागर नहीं कर पाते होली के रंग
उस राज को उजागर लोगों के बदलते रंग करते
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खामोश चेहरे के मुखोटे के अंदर झकता कोई नहीं
देखते तो हमें सब है लेकिन तकता कोई नहीं
कितने लोग हमारे हुए कितनों को दिल में रखा हमने
एक हम निपट अकेले जिसको दिल में रखता कोई-
बड़ी अजीब सी कहानी हो गई है
मेरी सांसों में उसकी रवानी हो गई है
बड़े अरसे के बाद फिर एक बार
कोई मीरा कान्हा की दीवानी हो गई है-
अकेले रहने की आदत डाल ली हमने
क्योंकि साथ रहकर बिछड़ने पर तकलीफ बहुत होती है-
मोहब्बत में कितने गीत लिखे हैं हमने
पर जन्मदिन का यह गीत तुम को समर्पित
वैसे तो दिन कितने कटते मुश्किलो से
पर आज का यह दिन तुम को समर्पित
दूर हूं मैं तुमसे बेशक ओ बहना बहना
पर आज की बधाई तुम को समर्पित
भगवान से रोज क्या-क्या मांगता हूं
पर आज की दुआ तुम को समर्पित
वैसे तो रोज मोहब्बत लिखता हूं मैं
पर आज का यह गीत तुम को समर्पित
जन्मदिन की ढेरों बधाई हमेशा खुश रहो
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हमारे जीने की आस छूट गई
आज फिर हमारी सांस छूट गई
आज फिर हमारा सोने का मन था
कमबख्त उसकी याद में रात छूट गए-