QUOTES ON #AZAADI

#azaadi quotes

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15 AUG 2020 AT 15:07

Apne vatan Ko phir milkr hum sjaa deyn
Dil se dil mila den
Nafrat ke divaar Ko milkr hum gira deyn
Apne vatan ka phir se gulistaa hum sjaa deyn

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25 SEP 2019 AT 12:57

हवाओं के इश्क़ में पत्ते तमाम क्या कहें
शाख़ से बग़ावत का 'अंजाम' क्या कहें

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15 AUG 2019 AT 12:27

अपनी बहन को बहन समझे,दुसरो पर नियत ख़राब किये
माल , टोटा, कट्टो, आइटम कहके अपने को नायाब किये
ऐसी आज़ादी मिली है हमको, तो क्या ख़ाक आज़ाद हुए

जाती ,धर्म का चश्म पहनकर , हमेशा बुरे व्यवहार किये
इन सब चीज़ों से न ऊपर उठकर, कितने हाहाकार किये
ऐसी आज़ादी मिली है हमको, तो क्या ख़ाक आज़ाद हुए

खुद को बड़ा मर्द समझते,और बच्ची का बलात्कार किये
देकर मुछो पर है ताव , कहते कितना बड़ा काम किये
ऐसी आज़ादी मिली है हमको,तो क्या ख़ाक आज़ाद हुए

लड़का लड़की में भेद करकर, जाने कितने गर्भपात किये
लड़के की ख़्वाहिश में ना जाने कितनी बार ये काम किये
ऐसी आज़ादी मिली है हमको, तो क्या ख़ाक आज़ाद हुए

लोभ का है छद्म नशा सा, माता पिता पर अत्याचार किये
कितने गहरे स्तर पर गिरकर,अपने रिश्ते को तार तार किये
ऐसी आज़ादी मिली है हमको , तो क्या ख़ाक आज़ाद हुए

कब तक ऐसे रहेंगे हम सब, कितना समय हम बर्बाद किये
अब भी संभल गए हम सब तो , तो समझो कि आबाद हुए
वरना झूठी आज़ादी तो मना ही लेंगे,झूठेपन को साथ लिए

ऐसी आज़ादी मिली है हमको, तो क्या ख़ाक आज़ाद हुए

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15 AUG 2020 AT 2:57

यदि इस स्वतंत्रता दिवस
पर मेरे एक भी प्रश्न्न
का उत्तर ना हो तो,
इससे हां में बदलने के
छोटे छोटे प्रयास
अवश्य कीजियेगा
जय हिन्द!

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31 JUL 2019 AT 0:15

अब्बू ने निकाह था किया
लाडो से उसका
पर दोहरा दी गई उस पर भी सितम की वही कहानी

तलाक...तलाक ...तलाक
तीन शब्द कहे थे उसने... अपनी ज़ुबानी

बाद उसके ना वो विधवा ना सधवा
था बस वही एक राजा... ना थी कोई रानी ?

कैसी प्रथा यह ?
क्या नहीं है ये मनमानी ...

किस्सा एक ही धर्म का था क्या ?
या हर धर्म में थी औरत की यही कहानी

अब जो उठा हैं मुद्दा
तो आगे बढ़ने को हुई कहानी

राजनीति से उपर उठकर
काविशे कुप्रथा के खिलाफ हुई...देर से सही
कोशिश की पहल हुई सुहानी


नहीं सहूगी अब बस ..बहुत हुई तेरी मनमानी

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23 MAR 2018 AT 9:16

वो आजादी का दीवाना,
आजादी उसकी दीवानी ।।

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5 AUG 2019 AT 13:06

......

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29 MAR 2021 AT 22:53

इन बेज़ुबानो की तुम कुछ खुशियाँ तोल के देखो ,
इतनी सी इनकी खुशि है कि तुम पिंजरा खोल के देखो.

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15 AUG 2021 AT 8:00

बेरोज़गारी, महंगाई, भुखमरी, अशिक्षा, कमज़ोर स्वास्थ्य-व्यवस्था, धार्मिक-भेदभाव, असमानता में क़ैद तमाम अहल-ए-वतन को,
अंग्रेजो से मिली आज़ादी की दिली मुबारकबाद।

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27 SEP 2020 AT 12:52

सब की ख़्वाहिशें पूरी करने के लिए अपने पर काट दिए मैंने,
और लोग कहते हैं कि तुम आसमान की ऊँचाई पर हो ।
मीलों दूर रह कर सिर्फ कुछ सिक्के कमाए मैंने,
ख़्वाहिशें कहती हैं अर्श नहीं चाहिए
ज़मीं पर कहीं तो मेरा घर हो ।

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