No one : what do you aspire to be?
Me : Aspirin-
Aspiring to those peaks above,
hand in hand, we'd hike.
But in our quest for finding Love,
we lost our way to Like.
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¿¿Be WHAT??
Be the PERSON, you want to be;
Be the CHANGE, you want to see;
Be the REBEL, you always admired;
Be the DREAM, you always aspired.-
शाख से टूटे पत्तों से लगाव है मुझको ,
वो जो अभी हरे हैं,
ख्वाहिशों से भरे हैं !!-
मुझे मेरे ज़ख्मो पे मलहम लगाने वाला नही चाहिये,
मुझे इंतज़ार हे उनका जो इन जख्मो को कुरेदकर देखे ||
ज़िन्दगी भर साथ निभाने के वादे करने वाला नही चाहिये,
मुझे इंतजार हे उनका जो दो कदम साथ चलके देखे ||-
When you are driven by passion,
greed has no place in it.
It's all about aspiring and inspiring.-
लोगों का काम है कहना, उनको कहने दो ओ मेरे यारों।
तरक्की करो तो भी दिक्कत संघर्ष में भी इन्हें है समस्या।
मेरे हिसाब से ऐसे समाज की बातों पर तुम ध्यान मत डालो।
पैसे कमाओ तो दिक्कत ये मत करो वो मत करो, संयम रखो।
मेहनत के साथ संघर्ष करो तो कहेंगे क्या हुआ अभी तक
"सफलता नहीं मिली तुम्हें? "कहा था ना तुमसे नहीं होगा।"
दुनिया ने जैसे तुम्हारी कमी का निकालने का, ताने मारने का
ठेका ले रखा है, तुमसे ज़्यादा इन सबको तुम्हारी परवाह है।
इनकी बातों में रहोगे तो पागल हो जाओगे, याद रख लो।
ज़्यादातर वहीं लोग शक करते हैं जिन्होंने कुछ किया नहीं है।
और हद तो तब हो जाती हैं जब सफल लोग भी हमें टोकते है।
दरअसल उन्हें तुमसे, तुम्हारी प्रतिभा से डर लगने लगता हैं।
इन्हें ऐसा लगता हैं कि सफलता केवल इन्हीं की बपौती है।
"किसी और का सफलता पर" दोस्तों कतई हक़ ही नहीं है।
मेरी मानो तो अपने मन की सुनते जाओ, आगे बढ़ते जाओ।
जो होगा अच्छा ही होगा, जो नहीं होगा और अच्छा होगा।
जो भी अनुभव मिलेगा उसे आगे इस्तेमाल करते जाओ।
और अपनी मेहनत की साझेदारी के साथ जीतते जाओ।
तुम सब मेहनती हो "अभि" बस मेहनत करते जाओ।
तुम जब चाहोगे तब नहीं होगा, वो चाहेंगे तब होगा,
इस बात को जानकर के मेरे दोस्त तुम करते जाओ।-
I aspire
To be introduced
Not as someone's
Daughter, friend or wife
But as myself only.-
सरोवर चाहिये अगर सबको,
तो क्या समंदर की चाह रखना गुनाह है;
अगर एक ही तरीके से सोचते हैं सब,
तो क्या अलग तरीके से सोचना मना है।
मिट्टी,पानी,पंछी,वायु सबका अपना ध्येय है,
अपने पंख फैला कर झुंड से अलग उड़ना क्या मना है;
हर किसी मे कुछ खास है,हर कोई किसी विशेष कार्य के लिये बना है,
जीवन तेरा है,तू खुद पेहचान की आखिर तू किसलिये जन्मा है।
विस्त्रित गगन में निशा को चाहे रहते हैं अनगिनत तारे,
कर तू भी अपना प्रयास पूरा,क्यों तुझे नही उन सितारों की तरह चमकना है;
विशाल,वृहद रेहता है वन घनघोर,होते हैं उसमें हर किस्म के नज़ारे,
विश्वास ही सबसे सुंदर आभूषण है,तू भी रख कर देख,
क्यों तुझे नही इस जग में अलग से मेहेकना है।।।-