यूंही नहीं , तुम्हें दर्द दिए जा रहे हम ।
उससे पहले , लाखों दर्द से राब्ता रखते है हम ।
यूंही नहीं , आंसू लाए तेरे आंखों में हमने ।
उससे पहले , अस्को के समुंदर बहाया है हमने ।
यूंही नहीं , तुम्हें दर्द दिए जा रहे हम ।
उससे पहले , लाखों दर्द से राब्ता रखते है हम ।-
रूला दो नफरतों से ए ज़िंदगी मुझे
मैं पलकों के भीगने का हिसाब नहीं रखती...
चोट लगता है, दर्द होता है
हाँ ज़ख़्मों के मरहम का ख़्वाब नहीं रखती...
आतीं हैं मुश्किलें डराती है मुझे
मैं ख़ौफ के आगाज़ का मिजाज़ नहीं रखती...
बेशक़ ये मौत मुझे अपनी लग रही
मैं ज़िंदगी के सवालों का जवाब नहीं रखती...
रूला दो नफरतों से अब ए ज़िंदगी मुझे
मैं पलकों के भीगने का हिसाब नहीं रखती...
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इन आँखों को एक तेरे सिवा इस हद तक कभी कोई जचा ही नहीं,,
क्या ही इश्क़ करेंगे किसी से अब अश्क़ों के सिवा कुछ बचा भी नहीं,,-
माना दुरिया ...
बहुत आ चली हैं दरमिया हमारे
पर आज भी तकलीफ़ उसकी
नींदे मेरी उड़ा दिया करती हैं... !!
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Ke ashk tak meri aankhon me ab rukna Nahi chahte !
Ke meri aankhein tak ab khushk ho chuki hai !!
Ke sapne me tak sapne aana Nahi chahte !!
Ke meri raate tak ab subah ho chuki hai !!
Beshak !
Bahot pyar hai use mujh se.....-
شکست دونگی میں غمِ عشق کو کُچھ اِس طرح
ہوگا آنکھوں میں اشکوں کا سمندر پھر بھی مسکراؤنگی
Shikashat dungi mai gam e ishq ko kuch is trah
Hoga aankho me ashko ka samundar phir bhi mai muskuraungi
✍️رائٹس۔ناعمہ اصلاحی
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کھِل نہ سکا خوشیوں کا کوئ پھول بعد تیری فرقت کے اے صنم
کر گیا بنجر تیرے ہجر میں گرا اشک میرے دل کی سر زمین کو
Khil na saka khushiyo ka koi phool baad Teri furqat ke ai sanam
Kar gaya banjar Tere hijir me gira ashk mere dill ki sar zmen ko
✍️رائٹس۔ناعمہ اصلاحی-
तुम आज भी मुझको याद करते हो,
हर पल और हर लम्हा बेहिसाब करते हो।
तुम्हारी आँखों से छलकते ये अश्क गवाह हैं,
तुम आज भी मुझसे मोहब्बत बेहिसाब करते हो।
जो शख्स निभाया करता था अपने सारे रिश्ते,
जो नहीं सुनता था किसी के झूठे कहानी किस्से।
वो शख्स बदल नहीं सकता, ये मेरा दिल कहता है,
इसीलिए तो आज भी इसे तुम बेवफा नहीं लगते।-
बनना था मुझे तेरे खुश होने का ज़रिया,बन के रह गयी हूँ मैं अपने ही अश्कों का दरिया।
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