QUOTES ON #सेवा

#सेवा quotes

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6 MAY 2020 AT 22:46

उस धर्म के सामने सब धर्म चिल्लर है , जिसका नाम मानवता है । क्युकी यह किसी से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करता । ना जात:पात, ना काला:गोरा, ना अमीर:गरीब, ना धर्म:अधर्म ।

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7 MAR 2021 AT 8:38

सूरज हमें रौशनी देता, हवा नया जीवन देती है । 
भूख मिटाने को हम सबकी, धरती पर होती खेती है ।
औरों का भी हित हो जिसमें, हम ऐसा कुछ करना सीखें ॥
देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें ॥

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26 APR 2021 AT 15:51

अब तक क्या किया,
जीवन क्या जिया,
ज़्यादा लिया और दिया बहुत-बहुत कम
मर गया देश, अरे, जीवित रह गये तुम !

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1 OCT 2021 AT 10:05

सेवा करू🤞जैसे सुध में✌️
स्याही✍️भरी मेरे खून💉 में
Flow मेरा गर्मी🌡️है धुन में 🎶
नाम में शिव जी का रूप है ...

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7 SEP 2020 AT 8:02

हम अपनी आदत से मजबुर
जो जैसा है रहे हमारा क्या कसूर
कांप जाते है हम बदलाव की बात से
डरते है सच से मुलाकात से
हम निष्क्रिय सा एक जीवन है जी रहे
बस खा पी कर सो रहे
क्या बदलाव सिर्फ चंद लोगों को चाहिए
क्या इंसाफ सिर्फ चंद लोगों को चाहिए
सोच लेते यदि आसान सा रास्ता चंद्रशेखर
भगत ओर बोस भी
ये आज़ादी फिर हमको कभी मिलती नहीं
खुद के अंदर के क्रांतिकारी को जगाओ
अन्याय के खिलाफ एक आवाज़ तो उठाओ
माना कि आज अकेले होगे तुम
पर कल काफिला होगा देखोगे तुम
जय हिन्द! जय भारत! जय सत्य शाश्वत सनातन धर्म!
सुप्रभात
आज सिर्फ जागो नहीं
वास्तव में आंखों को खोलो
कल का तो पता नहीं आज तो देश के लिए बोलो

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हे श्रेष्ठ तूने कर दिया
जो काम बड़ा स्वाभिमानी है
राम-कृष्ण तङपते रहे..
बस..तू ही श्रवण की निशानी है

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1 MAY 2018 AT 14:05

तन-मन-धन का संगम, जो हो तुमको पाना,
दान,भजन और सेवा से,तत्पर हो हाथ मिलाना,
तन को करनें स्वच्छ, सेवा भाव हृदय में लाएं,
मन को करनें स्वच्छ, नित सुंदर भजन ही गाएं,
धन को करनें स्वच्छ, दान पुण्य की नदी बहाएं,
जीवन बन जाए निश्छल, कुछ ऎसे कर्म कमाएं।

सेवा धर्म परम गहन है, योगियों द्वारा अगम्य कर्म है,
सेवा धर्म कठिन जग जाना, यह कथन तुलसी नें माना,
भक्ति का सार है सेवा, प्रभुकृपा का आधार है सेवा,
विश्वबंधुत्व का विस्तार है सेवा, ब्रह्म सी निराकार है सेवा,
सेवा भाव वह दैव गुण है, सब सद्गुणों में उत्तम है,
दे शरीर दधीचि नें माना, यह उद्धात साधना अनुपम है।

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6 DEC 2020 AT 8:37

छोड़ अपनी ऐशो-आराम
माँ-बाप अपने बच्चों को खुश रखते हैं ।।

और कुछ कुपुत्र बोझ मान इश्वर तुल्य माता पिता को वृद्धाश्रम भेज देते हैं ।।

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3 JUL 2017 AT 18:13

समर्पणाविना सेवा
जणू वातीविण दिवा

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5 MAR 2019 AT 18:58

सबसे अच्छी सेवा उस
व्यक्ति की मदद करना है,
जो बदलें में आपको "धन्यवाद"
कहने में भी अश्मर्थ हो!!

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