तुझे पढ़ के वक़्त जाया करता हूँ
तुझे लिख के वक़्त जाया करता हूँ
किसी और को नहीं सुनाता तेरे किस्से
बस खुद को ही सुनाया करता हूँ-
2 APR 2018 AT 5:31
17 SEP 2020 AT 21:59
✍️"फैसले"
क्यूँ वजहों से
गुफ्तगू करता है ये अवसर?
असर बेअसर जो
हो जाता है अब अक्सर।
निकलता कहाँ है कोई
सुनसान राहों में अकेले!
डर जो रहता है दिल में
कि फोकट क्यों दुख झेलें।
सत्य जानकर कुछ फैसले
बहुत ही कम अब होने लगे हैं।
अकारण तुरंत सुनने सुनाने के
बीज लोग ज्यादा ही बोने लगे हैं।-
26 APR 2020 AT 9:14
दस्ताँ तेरी किसको सुनायी जाये,
और कौन सुनेगा ये,अवन
तु ये नहीं जानता क्या,
कहानियाँ हुक़्मरानों की ही सुनी जाती हैं!!-
20 MAR 2017 AT 21:14
कहानियाँ तो बहोत है उसके पास सुनाने को आलम,
किसी अपने को ढूंढा करता है...-
29 JAN 2021 AT 18:08
मेरी कहानी,
मैं ही हंसते हंसते सुनाऊंगी;
किसी और से सुनते हुए तो
नाटक भी नहीं कर पाऊंगी।-
8 FEB 2018 AT 13:27
कोई दो सुनायेगा तो मैं चार सुनाऊँगी 😂
अगर मेरी किसी ने नही सुनी तो रेप्टा धर दूँगी🙈👋-