सरल, सुमधुर, सकल सदाचारी,
सहगामी, सहज, संस्कारी सुधा!
संवेदन संभाषण, सक्षम संतोषी,
सिद्धहस्त, सचेतन, समग्र सुधा!
सत्यापित सद्गुण, सदैव सबल,
सीख सरिता सी, सदिच्छा सुधा!
समता, समदर्शी, समरस समर्थ,
सुखसाध्य सुखी, सम्यक सुधा!
सरस्, सम्मोहक, सर्जक सलीका,
सुधामय, सुधानिधि, सुनंदा सुधा!
संजीदा संजीवनी, संयमी, सुहृदय,
साझी, साथी, सहेली, सखी सुधा!
__राज सोनी__-
मिलना कभी फुर्सत से तो बताएंगे, सितम कितने ढाए हैं हम
वक्त पर तू तो ना मिली, इसलिए तेरी सहेली को बताएं हैं हम-
न रास्ता न मंज़िल, न पहचान में सहेली कोई
बेवज़ह इंतज़ार है या है ये इश्क़ की पहेली कोई-
आकर बैठ गई उस पर एक तितली,
कितनी खूबसूरत है उसकी हथेली,
बुरी नजर ना लगे दोनो को जहाँ की,
टीका़ रिश्ते का बनी है उसकी सहेली।-
क्या निहार रहे मेरे सहेली में?
कब तक सुलझाओगे मुझे बस पहेली में।
कभी तो बुलाओ मिलने अपने हवेली में।
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आप के सब Cool Dudes
अपनी तो सखी सहेली हैं..
आपकी है English टोली
अपनी हिन्दी हमजोली है..💕-
कहती है मेरी सहेली...
तू है कड़वी करेले जैसी,
कभी कहती है...
तू है लाल मिर्ची जैसी तीखी,
बुलाती है मुझे हमेशा नकचढ़ी,
कहती है तेरी नाक है बहुत बड़ी,
तू हमेशा मुझे ही डाँटती रहती,
बोलती है...
तू मुझे बातें सुनाती है बड़ी-बड़ी,
जो की मेरे कभी समझ आती ही नहीं,
कहती है मुझे...तू है बहुत बुरी,
लेकिन फिर भी पूरी दुनियाँ में,
चाहिए उसे मेरी ही जैसी सहेली,,-
वो सहेली मुझसे रुठ गई ...😔
जिसका मैंने ब्रेकअप करवाया था ...😜😜😜-
काहें दुखी है रे दिव्य किसी के साथ छूटन से
क्यों डरती तू पगली रिश्ते-नातों के अकेलेपन से ...
तेरे तो दाये अंग दुर्गा विराजे वो माया जग में अकेली है...
तेरे बाएं भुजा पर बसे बजरंगी ,वो तेरे पिता नाथ भी तो अकेले हैं...-