कुछ नहीं!.... बस कुछ देर अकेली रहना चाहती हूं, दिल को कुछ देर सहलाना चाहती हूं; काफ़ी बार ठोकर खा चुका हैं.. थोड़ा इसको बहलाना चाहती हूं, कुछ नहीं...बस, थोड़ी देर शांत बैठना चाहती हूं.....
तेरे सीने पर सिर रख तेरी धड़कनों को सुनना.. हाथों में मेरे, तेरे हाथ का होना... बस प्यार से तेरे बालों को यू सहलाना, ये सब तुझे प्यार करने से भी ज़्यादा प्यारा लगता है...।।