💕 ससुराल से मायका 💕
रौनक थी जिनसे जिन्दगी में वो सब खो गई
शादी करके पिया जी तो मिले पर सहेलियाँ खो गई
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घर के बड़े बेटे के
हिस्से आयीं
जिम्मेदारियां-----------
घर के छोटे बेटे
के हिस्से आया
स्नेह-------------
घर की बहुओं के
हिस्से आये
ताने------------
घर की बेटियों के
हिस्से आया
प्यार--------------
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पहन पैजनी पाँव में बेटी,
अपना लड़कपन भूल गयी।
कुछ दिन के लिए आती है,
ममता का आँचल भूल गयी।
जेठ की गर्मी औ पूष की सर्दी,
रिमझिम सावन भूल गयी।
देवरानी जेठानी मिल गए,
भाई भौजाई सब भूल गयी।
ऐसा प्यार मिला ससुरे में कि,
मैके का अपनापन भूल गयी।-
एक औरत कितनी भी कोसिस कर ले
पर सास बिन ससुराल सुना।
मा बिन पीहर।
जब तक सास होती है तब तक ही औरत बहु हो सकती है
ओर जब तक पीहर में माँ है तब तक वहा माइका होता है माँ नही तो बैठने के लिये भी पूछना पड़ता है मर्यादा में रहना पड़ता है
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पछतावा
तलाक के बाद एक लड़की के विचार:-
पति से थोड़ी लड़ाई होने के बाद वो मुझे पीहर लेने आए,,,,
उस वक़्त झूठे परिवार वालो और पीहर वालों की बातों में आकर साथ नहीं गई,,,,
उल्टा उनको झूठे दहेज केस में फसा दिया तब मुझे बहुत मज़ा आया कि अब ससुराल वाले कोर्ट के चक्कर मारते रहेंगे,,
मेरा केस झूठा था तो ससुराल वाले जल्दी ही बरी हो गए,,,और उनकी दुबारा शादी भी हो गई,,,
4 साल हो गए है और अभी भी में घर पर बैठी हूं ,,,4,,5 लड़को ने पसंद भी किया था मगर मुझे ख़ुद की सुंदरता पर घमंड था तो इतराती रही और वो लड़के भी टाइम पास करके चले गए,,,,
आजकल सोचती हूं जब ससुराल वाले लेने आए थे तब ही उनके साथ चली जाती तो मेरी सहेलियों की तरह मैं भी खुश रहती ससुराल में,,,,
झगड़े सब घरों में होते है लेकिन किसी के बहकावे में आकर कोई बड़ा फैसला ना ले !!!!!
साथ कोई नहीं देता यहां,,,सलाह सब देते है,,,,,
आख़िर में ख़ुद की ही जिंदगी तबाह हो जाती है !!!!!निशा घोड़ेला
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मनमर्जियाँ.......
(ज़िंदगी एक दुलहन की).......
पढिये और महसूस करिये.-
जिस दिन ससुराल वाले
बहुओं को बेटियों का दर्जा देने लगेंगे
उस दिन से ना कोई घर बिगड़ेगा
ना बेटियों को दूसरे घर जाने का दुख होगा
सबका जीवन स्वर्ग बन जाएगा।।।-
मेरा सवाल उन बेटिओं से है जो
हमेशा ससुराल वाले से उम्मीद रखती है,
की उनको ससुराल में बहुँ नही बेटी बनाकर रखा जाए,
लेकिन कभी ये सोचा है कि बेटी अपने माइके में जितना
निभा लेती है उसी बेटी को ससुराल में निभाने में क्यों
मुश्किल होती है!
जब बेटी ससुराल को माइका सझने लगेगी
तो शायद कुछ बहुँ ससुराल में अपने आप को
बेटी महसूस करने लगेगी!!
हर जगह न बहुँ गलत होती है न ससुराल !🙏😊
🌹✍️🌹गुस्ताखी माफ 🙏😊-
तेरा क्या है?
अंत उदय सा जीवन तेरा , ओर ना कोई छोर है
किलकारी की बगिया तेरी बचपन कहीं और है
जवानी की बाग में सिचती तू पौधे कहीं और है
ना मायका ही तेरा घर है,ना पिया का घर तेरा ठौर है
ना टीस है तेरी दिखती,ना दिखता दर्द का दौर है
बचपन की सब यादे छोड़ के जब जाती कहीं और है
बहुत पीड़ा है मन में बसती,फिर भी मुस्कुरा कर उठती जिम्मेदारी की डोर है
फिर जब एक दिन थक जाए,तो मन में उठता शोर है
बता दे नारी,
तू है क्या? क्या है तेरा?
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जिंदगी जीनी है तो सहन करना सीखना होगा
ऐसा लड़कियों को ससुराल
जाने से पहले सोचना होगा।।।-